Bengal Politics: देश की सियासी बाजार में इन दिनों पश्चिम बंगाल का नाम जमकर लिया जा रहा है. इसके पीछे का कारण है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल आनंद बोस के बीच का विवाद. इसी पूरी खलबली के बीच अब उपचुनाव जीतकर आने वाले दो विधायकों की शपथ पर सवाल उठने लगे हैं. राज्यपाल ने स्पीकर के द्वारा शपथ दिलाए जाने को असंवैधानिक बताया है और राष्ट्रपति को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आर्टिकल-188 को आधार बताया है. आइये जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें पश्चिम बंगाल में 2 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए थे. यहां TMC प्रत्याशियों ने जीत हासिल की इसके बाद स्पीकर ने उन्हें शपथ दिलाई है. इसी पर गवर्नर आनंद बोस ने आपत्ति जताई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया है.
लोकसभा चुनाव के साथ ही मुर्शिदाबाद जिले की भगवानगोला सीट और कोलकाता की बारानगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. बारानगर सीट से TMC नेता और एक्ट्रेस सायंतिका बंदोपाध्याय को जीत मिली और भगवानगोला विधानसभा सीट से TMC के ही रयात हुसैन सरकार ने फतह हासिल की. इन्हें राज्यपाल ने शपथ लेने के लिए राजभवन बुलाया लेकिन दोनों ने मना कर दिया.
राजभवन में शपथ से इनकार करते हुए दोनों नेताओं ने कहा कि हमारी शपथ विधानसभा में होनी चाहिए. इस मांग को लेकर वो अंबेडकर की मूर्ति के सामने धरने पर भी बैठे. इस बीच विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर हस्तक्षेप का आग्रह किया.
7 दिन बाद राज्यपाल ने विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी को शपथ दिलाने के लिए अधिकृत किया. हालांकि, इन्होंने भी ये कहकर शपथ दिलाने से इनकार कर दिया कि विधानसभा की कार्यवाही नियम 5 के अनुसार, अध्यक्ष के होते हुए मैं शपथ नहीं दिला सकता. इसके बाद स्पीकर ने दोनों को शपथ दिलाई.
विधायकों की शपथ की प्रक्रिया के संबंध में आर्टिकल 188 और आर्टिकल 193 में बताया गया है. आर्टिकल 188 में कहा गया है कि विधानसभा या विधान परिषद की शपथ राज्यपाल द्वारा उनके नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष होगी. अगर ऐसा नहीं होता है कि सदस्य वो सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकता है. अगर कोई सदस्य ऐसा करता है तो उसके लिए आर्टिकल 193 में दंड का प्रावधान है. First Updated : Saturday, 06 July 2024