Bengaluru Mahalakshmi Murder Case: बेंगलुरु के बहुचर्चित महालक्ष्मी हत्याकांड में एक चौंकाने वाला नया मोड़ आया है. पुलिस महालक्ष्मी के सहयोगी मुक्ति रंजन रॉय को मुख्य संदिग्ध मानकर उसकी तलाश में जुटी थी लेकिन ओडिशा के भद्रक इलाके में उसकी लाश एक पेड़ से लटकती हुई मिली. पुलिस के अनुसार, रॉय ने एक कब्रिस्तान के पास आत्महत्या की. आत्महत्या से पूर्व मुक्ति रंजन ने एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उसने महालक्ष्मी की हत्या की बात स्वीकार की है.
पुलिस को इस हत्याकांड में महत्वपूर्ण सुराग सीसीटीवी फुटेज से भी मिले हैं. महालक्ष्मी के अपार्टमेंट के पास लगे कैमरों में संदिग्ध की तस्वीरें कैद हो चुकी थीं. पुलिस ने उसकी पहचान कर ली थी और गिरफ्तारी के लिए टीमों को विभिन्न राज्यों में भेजा था.
मुक्ति रंजन रॉय पर हत्या का शक इसलिए गहरा हुआ क्योंकि महालक्ष्मी की हत्या के बाद से उसकी लोकेशन लगातार बदल रही थी. पुलिस को जानकारी मिली कि रॉय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बॉर्डर के पास छिपा हुआ है. बेंगलुरु पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई राज्यों में अपनी टीम भेजी थी लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही उसने आत्महत्या कर ली.
21 सितंबर को बेंगलुरु के व्यालीकवल इलाके में महालक्ष्मी के अपार्टमेंट से उसका शव 50 से ज्यादा टुकड़ों में बरामद हुआ था. पुलिस ने जब उसके कमरे की जांच की तो एक ट्रॉली बैग भी मिला जिसमें कातिल शायद शव के टुकड़ों को बाहर ले जाने की योजना बना रहा था. पुलिस का मानना है कि भीड़भाड़ वाले इलाके के कारण कातिल को शव ठिकाने लगाने का मौका नहीं मिल पाया. हत्या और शव के टुकड़े करने के बाद कमरे और बाथरूम को भी साफ करने की कोशिश की गई थी.
महालक्ष्मी के पति हेमंत दास ने पहले शक जताया था कि हत्या के पीछे उनके दोस्त अशरफ का हाथ हो सकता है, लेकिन पुलिस जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया. पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि असली कातिल मुक्ति रंजन रॉय था, जिसने अब आत्महत्या कर ली है. हालांकि, हत्या की असल वजह अभी भी अज्ञात है और पुलिस जांच जारी है.