Bharat Jodo Nyay Yatra 11वें दिन हुई शुरू, राहुल गांधी बोले- देश का सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री असम का है
Bharat Jodo Nyay Yatra In Assam: असम के बारपेटा से भारत जोड़ो न्याय निकलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि देश का सबसे भ्रष्ट सीएम हिमंता बिस्व सरमा है.
Bharat Jodo Nyay Yatra In Assam: कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज 11वां दिन है, असम के बारपेटा से शुरू हुई इस यात्रा में राहुल गांधी ने असम मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा पर हमला बोला है. उन्होंने असम का मुख्यमंत्री देश का सबसे भ्रष्ट सीएम है. उन्होंने कहा कि सीएम 24 घंटे डर फैलाने का काम करते रहते हैं. जैसे ही असम की जनता में डर फैलता है, तभी वह आपकी जमीनें छीन लेते हैं.
असम सीएम आपकी जेब से निकाल लेते हैं: राहुल गांधी
आप जब सुबह उठते हो तो वह आपको नफरत फैलाते हुए दिखते हैं, साथ ही जब इधर-उधर देखते हैं तो वह आपके जेब से पैसा निकाल लेते हैं. यह उनका सबसे प्रमुख काम हो गया है. क्योंकि वह देश के सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री है. बता दें कि असम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कन्हैया कुमार और के.सी. वेणुगोपाल समेत कई नेताओं पर केस दर्ज कर लिया गया है. इन सभी हिंसा, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है.
#WATCH | Assam: At the 'Bharat Jodo Nyay Yatra' in Barpeta, Congress MP Rahul Gandhi says, "...He (Assam CM Himanta Biswa Sarma) is the most corrupt Chief Minister in the country...Whatever is told to you by the media is exactly what Assam CM has conveyed to them...The control of… pic.twitter.com/6E4HLDsIQS
— ANI (@ANI) January 24, 2024
राहुल ने डारपोक होने का नया मानक स्थापित किया
असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने अपने आधिकारिक एक्स के माध्यम से लिखा कि दिलचस्प यह है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिंसा के लिए उकसाने के बाद, राहुल गांधी (जो बस यात्रा पर हैं) चुपचाप अपनी फैंसी बस से बाहर आए और एक छोटी कार में शहर से अपने अगले गंतव्य की ओर भाग गए. राहुल ने डारपोक होने का नया मानक स्थापित किया है. उन्होंने एक अन्य ट्विट में लिखा कि कांग्रेसियों ने आज हिंसा, उकसावे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमले के अनियंत्रित कृत्यों के संदर्भ में राहुल गांधी, के.सी. वेणुगोपाल और कन्हैया कुमार समेत अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 (बी) 143,147, 188, 283, 353, 332, 333, 427 और पीडीपीपी अधिनियम के आर/डब्ल्यू 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.