हिज्ब-उत-तहरीर मामले में NIA का बड़ा एक्शन, कई जगहों पर की छापेमारी, 2 लोग गिरफ्तार
NIA Raid: हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट और कट्टरपंथी संगठन है. इसका उद्देश्य इस्लामिक खिलाफत को फिर से स्थापित करना. साथ ही हिज्ब-उत-तहरीर के संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी की ओर से लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए काम करना है. एनआईए के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अब्दुल रहमान और मुजीबुर रहमान उर्फ मुजीबुर रहमान अल्थम साहिब के रूप में हुई है.
NIA Raid: हिज्ब-उत-तहरीर मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज ( 30 जून) बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इस दौरान एजेंसी इस संबंध में तमिलनाडु के 10 जिलों में छापेमारी की है. इस दौरान एनआईए ने चेन्नई, त्रिची, पुदुकोट्टई, तंजावुर, इरोड और थिरुप्पुर सहित कई स्थानों पर छापे मारे. इसके साथ ही 2 लोगों को भी हिरासत में लिया है. गिरफ्तार किया गए दोनों आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस गिरफ्तारी और छापेमारी की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय पैन-इस्लामिस्ट और कट्टरपंथी संगठन है. इसका उद्देश्य इस्लामिक खिलाफत को फिर से स्थापित करना. साथ ही हिज्ब-उत-तहरीर के संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी की ओर से लिखे गए संविधान को लागू करने के लिए काम करना है.
NIA Arrests 2 Accused after Extensive Searches in TN in Hiz-ut-Tahrir Case pic.twitter.com/LNK2EeEqZ9
— NIA India (@NIA_India) June 30, 2024
गिरफ्तार लोगों की हुई पहचान
एनआईए के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अब्दुल रहमान और मुजीबुर रहमान उर्फ मुजीबुर रहमान अल्थम साहिब के रूप में हुई है, दोनों तंजावुर जिले के रहने वाले हैं. दोनों युवाओं को कट्टरपंथी विचारधाराओं में ढालने, लोकतंत्र और भारतीय संविधान, कानून और न्यायपालिका आदि को इस्लाम विरोधी के रूप में प्रचारित करने के लिए गुप्त सेंटर संचालित करने में शामिल थे.
NIA ने छापेमारी में बरामद की ये चीजें
एनआईए द्वारा की गई छापेमारी के दौरान डिजिटल डिवाइस (मोबाइल फोन, लैपटॉप, सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड) और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनमें हिज्ब-उत-तहरीर, खिलाफा, इस्लामिक स्टेट और प्रस्तावित खिलाफा सरकार और उसकी विचारधारा वाली किताबें और प्रिंटआउट शामिल हैं. बता दें, कि यह मामला पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 (1) (बी) के तहत तमिलनाडु के मदुरै शहर के थिदीर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था.