Dhananjay Singh: पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 7 साल की सजा सुनाई गई है. जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने अपहरण और रंगदारी के एक मामले में धनंजय को दोषी करार दिए जाने के बाद आज सजा सुना दी. उन्हे 7 वर्ष की सजा मुकर्रर की गई है और साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा है.
बीते मंगलवार को ही कोर्ट ने धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम सिंह को इस मामले में दोषी करार दिया था. कोर्ट से ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. अब जब धनंजय सिंह को सात साल की सजा मिली है तो उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी ग्रहण लग गया है.
धनंजय सिंह की 27 साल की उम्र में साल 2002 के विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़े और जीते. जिसके बाद 2007 में JDU के टिकट पर विधायक चुने गए. फिर बसपा में शामिल हो गए. बसपा की टिकट पर साल 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता. बतौर सांसद जौनपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. धनंजय सिंह की जौनपुर संसदीय क्षेत्र में ठाकुर वोटबैंक पर अच्छी पकड़ है.
बाहुबली धनंजय सिंह को कोर्ट ले जाए समय जिंदा बाद के नारे लगे हैं जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. साथ ही आगे समर्थकों ने नारा लगाया कि धनंजय सिंह हम तुम्हारे साथ है.
वर्ष 1998 में पुलिस ने पुलिस के मुताबिक 50 हजार के इनामी धनंजय सिंह तीन अन्य बदमाशों के साथ भदोही मीरजापुर रोड़ स्थित एक प्रेट्रोल पंप पर डकैती डालने आए थे. दावा किया कि मुठभेड़ में धनंजय सहित चार मारे गए, हालांकि धनंजय सिंह जिंदा थे और भूमिगत हो गए.
फिर एक साल बाद 1999 में धनंजय सिंह को पुलिस के सामने पेश हुए तो भदोही की फर्जी मुठभेड़ का राज खुल गया और धनजंय का जिंदा सामने आकर मानवाधिकार आयोग ने जांच शुरू की और फर्जी मुठभेड़ में शामिल रहे. 34 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज हुए. First Updated : Wednesday, 06 March 2024