Protest In Kolkata: कोलकाता के आरजी कर मामले के बाद बंगाल की राजनीति भी गर्म हो गई है. दरअसल मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के तबादले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे तथा तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के बीच कथित तौर पर दरार पैदा हो गई है. अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के विरोध के बाद, घोष का तबादला कर दिया गया था.
अभिषेक बनर्जी ने इस विवाद से खुद को दूर कर लिया है और मामले की जांच कर रही सीबीआई से त्वरित कार्रवाई की मांग को लेकर अपनी चाची की रैलियों और पदयात्राओं में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. सूत्रों के अनुसार अभिषेक बनर्जी का मानना है कि अपनी साफ-सुथरी छवि के लिए जानी जाने वाली ममता बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित भ्रष्ट आचरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की.
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के करीबी डॉक्टरों की एक टीम डॉ. घोष का समर्थन कर रही है और यह समूह कथित भ्रष्टाचार के लिए सोशल मीडिया जांच के दायरे में है. उन्होंने कहा कि अभिषेक बनर्जी को लगता है कि पार्टी की छवि बनाए रखने के लिए साफ छवि आवश्यक है. बता दें कि 14 अगस्त को अस्पताल पर उपद्रवियों द्वारा किए गए हमले के बाद , अभिषेक बनर्जी ने पुलिस आयुक्त को फोन करके त्वरित कार्रवाई की.
दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी ने इस झगड़े के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद शांतनु सेन को जिम्मेदार ठहराया है, जो अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं, जिन्हें उन्होंने एनआरएस अस्पताल की मरीज समिति और पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने संकट में अपने भतीजे की सक्रिय भागीदारी की कमी पर सवाल उठाया है और सुझाव दिया है कि उन्हें रैलियों में भाग लेना चाहिए और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करना चाहिए.
सूत्रों के अनुसार, प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रहने के बीच ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी की मीडिया टीम को दरकिनार करते हुए सीधे मीडिया संबंधों को संभालना जारी रखा है. मतभेदों के बावजूद, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख संकट से निपटने में केंद्रीय व्यक्ति बनी हुई हैं. इस बीच, अभिषेक बनर्जी सितंबर के मध्य में आंख की सर्जरी के लिए न्यूयॉर्क जाने वाले हैं. First Updated : Thursday, 22 August 2024