दिल्ली में 'आप' के विधायकों का टिकट कटेगा? अरविंद केजरीवाल ने दिए बड़े संकेत

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में बड़ा बदलाव हो सकता है. अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिया एक अहम बयान, जिसमें उन्होंने मौजूदा विधायकों के टिकट काटने के संकेत दिए. उनका कहना था कि इस बार टिकट सोच-समझकर दिए जाएंगे और परिवारवाद को पूरी तरह नकारा जाएगा. क्या यह बदलाव 'आप' को नई जीत दिला पाएगा या पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा? जानिए पूरी खबर और इसके पीछे की असली वजह!

JBT Desk
JBT Desk

Big Change In 'AAP' In Delhi Elections: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतर चुके हैं. रैलियां और सभाएं कर के वे लोगों से सीधे जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सोमवार को किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में हुई एक जनसभा के दौरान केजरीवाल ने ऐसा बयान दिया है, जिससे पार्टी में हलचल मच गई है. उन्होंने इशारा किया है कि इस बार 'आप' बड़े पैमाने पर अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का विचार कर रही है.

केजरीवाल का बड़ा बयान

अरविंद केजरीवाल ने इस जनसभा में कहा कि इस बार पार्टी टिकट देने में बहुत सोच-समझ कर फैसला करेगी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि 'मैं परिवारवाद नहीं करता, मेरी कोई पत्नी, भाई या भतीजा राजनीति में नहीं है.' केजरीवाल ने यह भी कहा कि जब वह जेल में थे, तब कई लोग उम्मीद कर रहे थे कि वे अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना देंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होगा. उनका मानना है कि टिकट केवल उन्हीं को दिया जाएगा जिन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है और जनता के बीच अच्छे काम किए हैं.

वफादारी केवल केजरीवाल के प्रति होनी चाहिए

केजरीवाल ने आगे कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की वफादारी किसी विधायक या पार्षद के प्रति नहीं होनी चाहिए. 'आपका समर्थन सिर्फ अरविंद केजरीवाल के लिए होना चाहिए, क्योंकि हम सबका लक्ष्य दिल्ली की भलाई है,' उन्होंने यह भी जोड़ा. उनका ये बयान इस बात को भी इंगीत करता है कि पार्टी इस बार नए चेहरों को मौका देने पर विचार कर रही है, जो अब तक पार्टी के लिए काम तो कर रहे थे लेकिन कभी चुनावी टिकट नहीं मिला.

क्यों हो सकता है विधायकों का टिकट कटना?

केजरीवाल का यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि पिछले चुनावों में कई पुराने विधायक अपनी जगह बनाए हुए थे, जिनके बारे में यह चर्चा थी कि वे अब तक पार्टी की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे. इन विधायकों को लेकर जनता में नाराजगी भी दिख रही है. कई जगहों पर विरोध और शिकायतें उठ रही हैं कि उनके कार्यकर्ताओं के लिए काम करने के बजाय वे अपनी निजी राजनीति में व्यस्त रहते हैं. ऐसे में, केजरीवाल ने संकेत दिए हैं कि इस बार उन विधायकों को बदलने का फैसला लिया जा सकता है, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

भ्रष्टाचार के आरोप और एंटी-इनकंबेंसी का दबाव

केजरीवाल के बयान के पीछे एक और कारण है, जो पार्टी के लिए एक चुनौती हो सकता है—भ्रष्टाचार के आरोप और एंटी-इनकंबेंसी का दबाव. यह पहली बार है जब आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. इसके अलावा कांग्रेस भी इस बार काफी मजबूती से चुनावी रण में उतरी है और बीजेपी भी आरोप लगा रही है कि दिल्ली की सड़कों, पानी और बिजली की समस्याओं को लेकर 'आप' सरकार नाकाम रही है.

बीजेपी ने किया हमला: 'केजरीवाल ने हार मान ली है'

बीजेपी ने केजरीवाल के इस बयान पर पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश मंत्री हर्ष खुराना ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपनी हार मान ली है. उन्हें अब अपनी पार्टी के विधायकों के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी की रिपोर्ट मिल गई है, इसलिए अब वे अपने विधायकों को बदलने की बात कर रहे हैं.' खुराना ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली के लोगों के सामने कई मुद्दे हैं—जैसे खराब सड़कें, गंदा पानी और बिजली की समस्या, जिन्हें आप के विधायक हल करने में नाकाम रहे हैं.

नए चेहरे के लिए दरवाजे खुले?

केजरीवाल का यह बयान साफ तौर पर यह इशारा कर रहा है कि इस बार पार्टी में बदलाव हो सकता है. जिन कार्यकर्ताओं ने वर्षों से पार्टी के लिए काम किया है, लेकिन अब तक उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, उन्हें इस बार मौका मिल सकता है. यह बदलाव पार्टी के भीतर नई उम्मीद और ऊर्जा का संचार कर सकता है, जिससे दिल्ली के चुनावों में 'आप' को एक नई दिशा मिल सकती है. आखिरकार, यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल के इस फैसले से पार्टी का चुनावी भविष्य कैसे आकार लेता है और क्या यह बदलाव पार्टी को फिर से दिल्ली की जनता का विश्वास दिलाने में मदद करेगा.

calender
11 November 2024, 08:52 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो