भारत और सिंगापुर का नया युग, 60 अरब डॉलर निवेश और रणनीतिक साझेदारी का ऐतिहासिक सौदा

भारत और सिंगापुर ने अपने संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने का बड़ा कदम उठाया है. इस दौरान दोनों देशों ने चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जो भविष्य के लिए कई संभावनाओं को खोलते हैं. खास बात यह है कि सिंगापुर की कंपनियों ने भारत में भारी निवेश करने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की बातचीत में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना बनाई गई है. इस विशेष यात्रा के दौरान कई नए और रोमांचक विकास देखने को मिल सकते हैं जो भविष्य में दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दे सकते हैं.

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India-Singapoure Relations: भारत और सिंगापुर ने 5 सितंबर 2024 को अपने द्विपक्षीय संबंधों को 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने के लिए चार महत्वपूर्ण सहमति ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए. यह कदम दोनों देशों के बीच सहयोग और संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकेत है. इन समझौतों में मुख्य रूप से सेमीकंडक्टर उद्योग में सहयोग, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगापुर की यात्रा के दौरान सिंगापुर को विकासशील देशों के लिए एक आदर्श मॉडल बताया. उन्होंने कहा कि भारत भी अपने देश में सिंगापुर जैसे विकास को बढ़ावा देना चाहता है. मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच हुई इस चर्चा में प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, व्यापार और कौशल विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

सिंगापुर कंपनियों का 60 अरब डॉलर निवेश संकल्प

सिंगापुर की कंपनियों ने भारत में अगले कुछ वर्षों में लगभग 60 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का संकल्प लिया है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के व्यापारिक नेताओं को विमानन, ऊर्जा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में भारत में निवेश के अवसरों पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया.

सिंगापुर में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की घोषणा

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की भी घोषणा की है जो तिरुवल्लुवर की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देगा. इसके साथ ही सिंगापुर के साथ भारतीय सहयोग के पिछले दस वर्षों की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया, जिसमें भारत से 17 सिंगापुरी उपग्रहों की प्रक्षेपण और यूपीआई पर्सन-टू-पर्सन भुगतान सुविधा की शुरुआत शामिल है.

भारत-प्रशांत में शांति और 60वीं वर्षगांठ

दोनों देशों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता भी जताई है और दक्षिण चीन सागर में शांति और सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने इस महत्वपूर्ण साझेदारी को बढ़ावा देने और द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी एजेंडा तैयार करने की बात की. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष दोनों देशों के राजनैतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ और रणनीतिक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी जो इन संबंधों की मजबूती को दर्शाता है.

First Updated : Thursday, 05 September 2024