NEET-UG मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दोबारा नहीं होगी परीक्षा

NEET UG 2024 SC Verdict: नीट यूजी मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट का पेपर दोबारा नहीं होगा. फैसला पढ़ने के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार, NTA ने अपनी बातें रखीं. सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर ने भी कोर्ट की सहायता की.

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NEET UG 2024 SC Verdict: देश में हुए नीट यूजी पेपर स्कैम पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. दरअसल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट का पेपर दोबारा नहीं होगा. फैसला पढ़ने के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार, NTA ने अपनी बातें रखीं. सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर ने भी कोर्ट की सहायता की. सीजेआई ने कहा कि यह मामला बड़ी संख्या में छात्रों को प्रभावित करने वाला है. इसलिए हम दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं मानते.

पेपर लीक मामलें में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि 1 लाख 8 हज़ार सीटों के लिए 23 लाख से ज़्यादा छात्रों ने परीक्षा में भाग लिया. इनमें 52 हज़ार निजी कॉलेजों और 56 हज़ार सरकारी कॉलेज में सीट शामिल है. परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक नेगेटिव नंबर होता है. सीजेआई ने सबमिशन को दर्ज कर लिया है. याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाकर दोबारा परीक्षा की मांग की है. कई राज्यों में इसे लेकर FIR भी दर्ज हुई है.

प्रश्नपत्र के लीक होने का कोई संकेत नहीं

इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी. CJI ने कहा कि CBI की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं. केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है. चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हमारे सामने दिए गए आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में गड़बडी होने का संकेत मिले. इसके बाद SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया. कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है,उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना सही नहीं होगा.

CJI ने कही ये बात

CJI ने कहा कि यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या बढ़ती है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जो कोई भी छात्र इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा. कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में, मुख्य मुद्दों पर विचार करते हुए, एनटीए, केंद्र और सीबीआई से हलफनामे मांगे थे. दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की भूमिका सामने आई है.


First Updated : Tuesday, 23 July 2024