ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, कैबिनेट के फैसलों की जांच नहीं कर सकती अदालत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत का काम नहीं है कि वह कैबिनेट के फैसलों की जांच करे. इससे ममता बनर्जी सरकार को बड़ी राहत मिली क्योंकि हाई कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों की भर्ती पर CBI जांच का आदेश दिया था. ममता ने इस फैसले पर असहमति जताई लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे पलट दिया. जानें ममता सरकार को किस मामले में मिली राहत!

New Delhi: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने कहा कि अदालतों का काम नहीं है कि वे कैबिनेट की बैठकों में लिए गए फैसलों की जांच कराएं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालतों की अपनी सीमाएं हैं और ऐसे मामलों में जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता, जिनमें फैसला पहले ही कैबिनेट द्वारा लिया गया हो.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का आदेश खारिज किया
दरअसल, पश्चिम बंगाल के कोलकाता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को गलत बताते हुए CBI जांच का आदेश दिया था. उच्च न्यायालय का मानना था कि ममता सरकार द्वारा 25,000 शिक्षकों और अन्य स्टाफ की भर्ती के लिए पद सृजित करना गलत था और इसकी CBI जांच होनी चाहिए. इस फैसले के बाद ममता सरकार मुश्किल में आ गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय का यह आदेश पलटते हुए ममता सरकार को राहत दी.
CBI जांच की जरूरत नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में CBI जांच की जरूरत नहीं है. अदालत का स्पष्ट बयान था कि कैबिनेट के फैसलों की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा कि अदालतों का काम नहीं है कि वे कैबिनेट के फैसलों की जांच करें. यह सरकार का अधिकार है और उसे इसकी जिम्मेदारी खुद उठानी होगी.
ममता बनर्जी का जवाब
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, 'मैं अदालत का सम्मान करती हूं, लेकिन यह फैसला स्वीकार्य नहीं है.' ममता ने उदाहरण देते हुए कहा कि भाजपा शासित मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले के आरोपों के बावजूद किसी को सजा नहीं मिली, जबकि उन्होंने खुद पश्चिम बंगाल में शिक्षा मंत्री को हटाकर जेल भेजा था. ममता का कहना था कि सीबीआई जैसी एजेंसियों के खिलाफ हमेशा उनके राज्य को निशाना बनाया गया है.
25,000 पदों पर भर्ती और भर्ती प्रक्रिया का विवाद
यह मामला पश्चिम बंगाल में हुई एक बड़ी शिक्षक भर्ती से जुड़ा हुआ है. 2016 में राज्य सरकार ने 24,640 पदों के लिए शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था. इस भर्ती प्रक्रिया में लगभग 23 लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. लेकिन इस भर्ती प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगे थे. इसके बाद ही पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दिया था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलटते हुए ममता सरकार को राहत दी है.
न्यायिक सीमाएं और सरकार का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अदालतों की सीमाएं हैं और यह उनका काम नहीं है कि वे कैबिनेट के फैसलों की जांच करें. इस फैसले से ममता सरकार को कुछ राहत मिली है, क्योंकि अब उन्हें सीबीआई जांच का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस फैसले से यह भी संदेश जाता है कि अदालतों को ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जो सरकार की नीतियों और निर्णयों से जुड़े हों, जब तक कि उसमें कोई बड़ी गड़बड़ी न हो.


