मुर्शिदाबाद हिंसा में बड़ा खुलासा, तुर्किए से फंडिंग, 3 महीने से चल रही थी साजिश
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए. जांच एजेंसियों के अनुसार, यह हिंसा पूर्वनियोजित थी और इसकी साजिश तीन महीने पहले रची गई थी. तुर्कीए से फंडिंग की गई और हमलावरों को लूटपाट के लिए 500 रुपये दिए गए. साजिशकर्ताओं का मकसद बंगाल को बांग्लादेश जैसा दंगा प्रभावित बनाना था.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून के विरोध को लेकर शुरू हुई हिंसा अब बड़े दंगे का रूप ले चुकी है. 10 अप्रैल से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. कई लोगों को अपने घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लेनी पड़ी है. हालात बेकाबू होते देख केंद्र सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की है और इलाके में कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
जांच एजेंसियों के अनुसार, यह हिंसा कोई अचानक भड़का आंदोलन नहीं, बल्कि लंबे समय से रची गई साजिश का नतीजा है. सूत्रों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों से मुर्शिदाबाद में इस हिंसा की सोची-समझी प्लानिंग हो रही थी. दो महीने पहले एटीबी (अल-तहरीर बंगाल) के दो सदस्य मुर्शिदाबाद आए थे और उन्होंने हिंसा भड़काने के लिए एक ट्रिगर पॉइंट की तलाश की.
पहले रामनवमी के दिन को लक्ष्य बनाया गया था, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने के कारण योजना टाल दी गई. बाद में वक्फ संशोधन बिल को लेकर उपजा आक्रोश इस योजना का ट्रिगर बन गया.
हमलावरों को दी जा रही थी फंडिंग और इनाम
जांच में सामने आया है कि इस हिंसा के लिए विदेशों से खासकर तुर्की से फंडिंग की जा रही थी. हर हमलावर को हिंसा और लूटपाट के बदले 500 रुपये तक की राशि दी जा रही थी. बताया जा रहा है कि दंगाइयों को ट्रेनिंग भी दी जा रही थी और उन्हें सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने, ट्रेनों को बाधित करने और खास समुदाय को निशाना बनाने के निर्देश थे.
यह भी पता चला है कि हमलावरों को हिंसा के स्तर के हिसाब से भुगतान किया जाना था और इसके लिए एक सूची तैयार की गई थी, जिसमें उनके "काम" का ब्यौरा शामिल था.
सीएम ममता बनर्जी ने की शांति की अपील
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा, “हर किसी को विरोध का अधिकार है, लेकिन कानून को हाथ में लेना मंजूर नहीं. जो लोग शांति से रहते हैं, वही जीतते हैं." ममता ने स्पष्ट किया कि सरकार कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी, चाहे वे किसी भी समुदाय से क्यों न हों.
प्रदर्शनकारियों ने की तोड़फोड़ और आगजनी
वक्फ कानून को लेकर उपजा विरोध हिंसा में बदल गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया, रेलवे ट्रैक जाम किए और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. केंद्र सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बीएसएफ के 300 जवानों के साथ-साथ पांच अतिरिक्त केंद्रीय बलों की कंपनियां इलाके में तैनात की हैं.
चुनाव से पहले बिगड़ा माहौल
बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए अभी एक साल से अधिक का समय बचा है, लेकिन इस तरह की हिंसा और सांप्रदायिक तनाव ने लोगों में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह घटना बंगाल को बांग्लादेश की तर्ज पर दंगों में झोंकने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है. फिलहाल पूरे इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और सुरक्षा एजेंसियां हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं.