पटना पुलिस और प्रशांत किशोर के समर्थकों के बीच जोरदार झड़प, PK की हिरासत पर मचा सियासी बवाल
राजधानी पटना में बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है, वहीं आज पुलिस ने प्रशांत किशोर को जबरन उनके आमरण अनशन से उठाकर एम्स ले गई जहां पीके के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई.
Prashant Kishor Protest: प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद बिहार में राजनीतिक माहौल गरम हो गया है. पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर को सोमवार तड़के पुलिस ने जबरन हिरासत में ले लिया. इसके बाद उन्हें पटना एम्स ले जाया गया.
एम्स के बाहर पुलिस और समर्थकों में भिड़ंत
आपको बता दें कि एम्स पहुंचने के बाद प्रशांत किशोर के समर्थकों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. जब पुलिस उन्हें एम्स से बाहर ले जा रही थी, तो समर्थक एंबुलेंस के सामने लेट गए और विरोध जताया. पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया, जिससे हंगामा और बढ़ गया. जन सुराज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने समर्थकों पर लाठीचार्ज किया.
#WATCH | Bihar | A clash broke out between Patna Police and supporters of Jan Suraaj chief Prashant Kishor
— ANI (@ANI) January 6, 2025
Prashant Kishor who was sitting on an indefinite hunger strike at Gandhi Maidan, was detained by the police pic.twitter.com/AB3E1NNqRE
नीतीश सरकार पर निशाना
वहीं आपको बता दें कि जन सुराज के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट किया गया, ''नीतीश कुमार की कायरता देखिए. उनकी पुलिस ने शिक्षा ध्वस्त होने और भ्रष्ट परीक्षा के विरोध में आमरण अनशन कर रहे प्रशांत किशोर को रात 4 बजे जबरन हिरासत में लिया. हजारों युवाओं को भी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.''
आंदोलन का कारण
बताते चले कि प्रशांत किशोर बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे. 13 दिसंबर को पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाह के बाद कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार किया था. प्रशांत किशोर इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच और परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे.
गर्दनीबाग और गांधी मैदान में प्रदर्शन
इसके अलावा पटना के दो प्रमुख स्थानों, गांधी मैदान और गर्दनीबाग में इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन जारी है. प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि गर्दनीबाग में विरोध प्रदर्शन से कोई समस्या नहीं है, लेकिन गांधी मैदान में प्रशांत किशोर के अनशन को लेकर आपत्ति जताई गई थी. पुलिस ने प्रशांत किशोर को वहां से हटाने के लिए नोटिस भी जारी किया था.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
बहरहाल, प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, जबकि प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया कदम बताया है.