Bihar: 'ठाकुर विवाद' के बाद बोले RJD सांसद मनोज झा, जानिए क्या कुछ कहा
झा ने कहा कि उन्होंने केवल एक कविता पढ़ी है जिस पर वह अभी भी कायम हैं. हालांकि उन्होंने आगे यह भी कहा कि उन्होंने यह कविता किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं पढ़ी है.
Bihar: संसद में ठाकुरों पर कविता सुनाने वाले RJD सांसद विवादों में बने हुए हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले संसद में ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता सुनाई थी जिसका शीर्षक है 'ठाकुर का कुआं'. सदन में यह कविता सुनाने के बाद एक नए विवाद ने जन्म ले लिया. तमाम क्षत्रिय और राजपूत संगठनों ने इसपर वेरोध जताया और सोशल मीडिया पर मनोझ झा की निंदा की जाने लगी. इस मामले पर आज यानी रविवार को झा ने पहली बार चुप्पी तोड़ी.
पटना एयरपोर्ट पर जब एक निजी चैनल के पत्रकार ने उनसे इस घमासान के बारे में पूछा तो मनोज झा ने साफ कह दिया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा है. झा ने कहा कि उन्होंने केवल एक कविता पढ़ी है जिस पर वह अभी भी कायम हैं. हालांकि उन्होंने आगे यह भी कहा कि उन्होंने यह कविता किसी को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं पढ़ी है.
बता दें कि संसद में यह कविता पढ़ने के बाद कुछ ठाकुर नेताओं ने उनका कड़ा विरोध किया है जिनमें प्रमुख नाम RJD नेता आनंद मोहन सिंह का है. उन्होंने यहां तक कह दिया अगर उस समय वह सदन में होते तो झा की जुबान खींच लेते.
आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन सिंह ने भी झा के बयान पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा झा ब्राह्मण हैं इसलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ कविता नहीं पढ़ी.
मामले ने इतना तूल पकड़ा की लालू यादव को मैदान में उतरकर झा का बचाव करना पड़ा. एक मीडिया हाउस से बातचीत में लालू ने कहा था कि मनोज झा ने एकदम सही कहा है और उन्होंने किसी का भी अपमान नहीं किया है.