Bihar caste based survey 2023: बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. देश की सर्वोच्च अदालत में पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. बता दें कि एनजीओ ने एक अगस्त को हाईकोर्ट के दिए उस फैसले को चुनौती है, जिसमें बिहार में जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था और राज्य सरकार की ओर से जातिगत जनगणना कराने के कदम को पूरी तरह से वैध बताया था.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी की गई वाद सूची के मुताबिक, 'एक सोच एक प्रयास' एनजीओ बिहार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश एसवीएन भट्टी की पीठ सोमवार यानि आज इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि याचिका में कहा गया है संवैधानिक प्रावधान के अनुसार, सिर्फ केंद्र सरकार को ही जनगणना का अधिकार है. इस मामले में बिहार सरकार ने आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर केंद्र के अधिकारों का हनन करने का प्रयास किया है.
पटना हाईकोर्ट ने एक अगस्त को बिहार में जातिगत जनगणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हम राज्य सरकार के इस कदम को पूरी तरह से वैध पाते हैं और वह इसे कराने के लिए सक्षम है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि हम जाति आधारित गणना नहीं कर रहे है, बल्कि लोगों की आर्थिक स्थिति और उनकी जाति से संबंधित जानकारी एकत्र कर रहे हैं. ताकि सरकार जनता को बेहतर सुविधा देने के लिए विशेष कदम उठा सकें. First Updated : Monday, 07 August 2023