बिहार के 15 इंजीनियर पर गिरी गाज, पुल गिरने पर हुए निलंबित
बिहार में दो सप्ताह में कुल 12 पुल ढहने के बाद, राज्य सरकार ने शुक्रवार को 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने नए पुलों के पुनर्निर्माण का भी आदेश दिया है. निर्माण की लागत दोषी पाए गए ठेकेदारों पर लगाई जाएगी. पुल गिरने का ये सिलसिला 18 जून से शुरू हुआ था, पुलने गिरने की पहली घटना बिहार के अररिया जिले से आई थी.
बिहार में पिछले दो हफ़्तों में 12 पुलों के ढहने के बाद राज्य सरकार ने शुक्रवार को 15 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया. नीतीश कुमार की अगुआई वाली बिहार सरकार ने नए पुलों के पुनर्निर्माण का भी आदेश दिया है. निर्माण की लागत दोषी पाए जाने वाले ठेकेदारों पर लगाई जाएगी.
यह निर्णय उड़न दस्तों द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद लिया गया, जिसमें बताया गया कि पुलों के ढहने के पीछे मुख्य कारण इंजीनियरों की लापरवाही और उनकी निगरानी थी. राज्य जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने इंजीनियरों पर उचित देखभाल नहीं करने का आरोप लगाया और घटनाओं के लिए ठेकेदारों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया.
ठेकेदारों की लापरवाही जिम्मेदार
मीडिया को जानकारी देते हुए प्रसाद ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि इंजीनियरों ने उचित सावधानी नहीं बरती, तथा ठेकेदार भी मेहनती नहीं थे." इससे पहले, गुरुवार को बिहार के सारण जिले में एक और पुल ढहने की घटना के साथ ही पिछले 17 दिनों में ऐसी घटनाओं की कुल संख्या बढ़कर बारह हो गई.
ठेकेदारों का पेमेंट रोका गया
ग्रामीण निर्माण विभाग के सचिव दीपक सिंह ने घटना के बारे में बताया, "अररिया में बखरा नदी पर बने पुल के 18 जून को क्षतिग्रस्त होने की खबर मिली थी. राज्य और केंद्र दोनों टीमें जांच कर रही हैं, जिसमें चार इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है, और दो अन्य को असंबंधित कारणों से पहले ही निलंबित कर दिया गया है. जांच पूरी होने तक संबंधित ठेकेदारों का पेमेंट रोक दिया जाएगा, और निरीक्षण दल द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद ठेकेदार और सलाहकार के खिलाफ अंतिम कार्रवाई की जाएगी."
सबसे पहले अररिया में गिरा पुल
18 जून से ही बिहार में पुलों के टूटने का सिलसिला जारी है. पहले अररिया में बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल ढह गया था, तो 22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना पुल गिर गया. 23 जून को पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन पुल गिया, तो 27 जून को बिहार के किशनगंज में कंकाई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली एक छोटी सहायक नदी पर बन रहा पुल ध्वस्त हो गया. इसी दिन मधुबनी जिले में भी एक पुल टूटा तो 30 जून को भी किशनगंज में एक पुल ढह गया था.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
इतना ही नहीं पुल गिरने की बढ़ती घटनाओं का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राज्य में मौजूद और हाल के वर्षों में हुए छोटे बड़े पुलों के सरकारी निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की गुहार लगाई गई है.याचिका में कहा गया है कि बिहार में पुलों की सुरक्षा के लिए समिति जैसे स्थायी निकाय का गठन किया जाए. बृजेश सिंह की याचिका में कहा गया है कि पिछले दो सालों में दो बड़े पुलों और छोटे मझौले कई पुलों के निर्माणाधीन या बनने के फौरन बाद गिरने, ढहने और बहने की घटनाएं सामने आई हैं.