Bihar Journalist Murder Case: बिहार के अररिया जिले में शुक्रवार को एक हिंदी अखबार के स्थानीय पत्रकार की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी. हत्यारों ने पत्रकार विमल कुमार यादव को उनके प्रेमनगर स्थित घर के बाहर बुलाकर गोली मारी थी. गोली लगने से मौके पर ही विमल कुमार की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस हत्याकांड में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जबकि दो पहले से ही जेल की सलाखों के पीछे है और अन्य आरोपी फरार है.
इस मामले में मृतक पत्रकार विमल के पिता हरेंद्र प्रसाद सिंह के बयान के आधार पर रानीगंज थाने में पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इनमें से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं दो आरोपी रूपेश यादव सुपौल जेल में और क्रांति यादव अररिया जेल में बंद है. पुलिस दो अन्य आरोपियों की तालाश कर रही है.
बिहार पुलिस ने शुक्रवार ट्वीट कर बताया, 'हमलावरों ने सुबह करीब 5.30 बजे विमल यादव के घर का दरवाजा खटखटाया और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो हमलावरों ने गोलीबारी शुरू कर दी. इसके बाद घटनास्थल पर ही विमल की मौत हो गई. मामले की सूचना मिलने पर जिला पुलिस प्रमुख और संबंधित थाने के प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे.' पत्रकार की हत्या के मामले को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमला बोल रहा है.
अररिया में पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या के मामले पर पूर्णिया के आईजीपी सुरेश प्रसाद चौधरी ने बयान दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में आईजीपी ने कहा, "हमें कुछ जानकारी मिली है. एक दो आदमी को शक के आधार पर उठाया गया है. अलग-अलग जगहों पर हमारी चार टीमें रेड कर रही हैं. हमें उम्मीद है कि सफलता मिलेगी. इस मामले में ठोस कार्रवाई की जाएगी."
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस मामले पर नीतीश सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा, ‘अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं जबकि बिहार में निर्दोष नागरिकों, पत्रकारों और यहां तक कि पुलिसकर्मियों की भी हत्या की जा रही है. अररिया में जो हुआ वह वाकई दुखद है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के नेतृत्व वाले 'घमंडिया' महागठबंधन की प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं.’
अररिया पत्रकार की हत्या को लेकर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा, '24 घंटे के अंदर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पीड़ित परिवार वालों ने पहले संदिग्धों का नाम बताया इसके बाद पुलिस ने जेल में छापेमारी की. इस मामले में गहन जांच की गई. सरकार पर सवाल उठाने वाले लोगों को उसके उठाए गए कदम के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए. First Updated : Saturday, 19 August 2023