बिहार: राज्य के सरसई गांव में चमगादड़ों की कि जाती है पूजा

एक तरफ यह माना जाता है कि चमगादड़ गंभीर रोगों के वाहक होते हैं जिनके जरिए कई रोग इंसानों में फैलते हैं. तो दूसरी तरफ बिहार में इनकी पूजा की जाती है. 

एक तरफ यह माना जाता है कि चमगादड़ गंभीर रोगों के वाहक होते हैं जिनके जरिए कई रोग इंसानों में फैलते हैं. तो दूसरी तरफ बिहार में इनकी पूजा की जाती है. 

दरअसल, 3 साल पहले जब दुनिया भर मे कोरोना महामारी फैली तो इसका जिम्मेदार सबसे अधिक चमगादड़ो को बताया गया. कोरोना के साथ - साथ नेपहा वायरस भी इन्हीं की वजह से इंसानों के बीच फैला था. यही एक खास वजह है जिसकी वजह से इंसान इनसे दूरी बनाकर रखते हैं. यह जीव जहां भी नजर आते हैं इंसान उन्हें मारकर भगा देते हैं. 

घर के आस - पास चमगादड़ो का होना अशुभ माना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है बिहार में जहां न सिर्फ इन की पूजा की जाती है बल्कि इनका होना शुभ भी माना जाता है.  'बिहार' के वैशाली जिले में 'सरसई नामक यह गांव चमगादड़ो का गांव' के नाम से काफी मशहूर है. कई लोग दूर - दूर से इस गांव को देखने के लिए आते हैं. ''सरसई गांव'' के लोगों का मानना है कि चमगादड़ उनके लिए शुभ हैं. 
 

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