Samastipur: प्रशांत कुमार लगभग 9 महीनों से लगातार बिहार का भ्रमण कर रहे हैं. इस दौरान वह बिहार के गांव-गांव में घूमकर पदयात्रा कर रहे हैं और लोगों से बातचीत कर रहे हैं. फिलहाल वह समस्तीपुर में अपनी यात्रा पर हैं. इस दौरान प्रशांत कुमार ने राजनेताओं और पार्टियों पर जमकर तंज कसते हुए लोगों को सही प्रतिनिधि चुनने का अनुरोध कर रहे हैं. इस बीच गुरुवार 13 जुलाई को जनता की समस्याओं को लेकर सरकार को खरी खोटी सुनाई है.
प्रशांत किशोर ने कहा, "बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो चुकी है, यहां शिक्षक और स्कूल की कमी है. जहां शिक्षक है वहां बिल्डिंग नहीं है और जहां बिल्डिंग है वहां शिक्षक नहीं और जहां दोनों है वहां शिक्षा की कमी है". उन्होंने कहा कि, "मैं नौ महीने से बिहार के गांवों में घूम रहा हूं, नीतीश कुमार जैसे पढ़े-लिखे व्यक्ति 17 साल से बिहार में शासन कर रहे हैं लेकिन उनका शासनकाल किताब के पाठ के समान है.
बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बर्बाद हो गई है, जिससे आने वाली दो पीढ़ियों में अब सुधार नहीं होगी, ये पीढ़ियां पढ़े लिखे लोगों की बराबरी नहीं कर सकेगी. प्रशांत कुमार ने कहा कि, समतामूलक शिक्षा नीति बनाने के चक्कर में बिहार की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हुई है. स्कूलों में पढ़ाई हो रही है या नहीं इसका सरकार को कोई मतलब नहीं है. बिहार सरकार ने गांव- गांव में सिर्फ स्कूल खोल दिए हैं. लेकिन बिहार में पूरी शिक्षा व्यवस्था नियोजित शिक्षकों और उत्क्रमित स्कूलों के चक्कर में चल रही है.
प्रशांत किशोर ने अपने बयान में आगे कहा कि बिहार में केवल स्कूली शिक्षा ही नहीं बल्कि कॉलेज की शिक्षा का भी हाल बेहाल है. जीवन लोगों को लगता है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों के कारण शिक्षा व्यवस्था बदहाल है उन्हें एक बार कॉलेजों को भी देखना चाहिए कि यहां कॉलेजों को नियोजित शिक्षक तो नहीं चला रहे, कॉलेज में तो पढ़ाई भी नहीं हो रही वहीं स्कूलों में जहां खिचड़ी बंट रही है तो वहीं कॉलेजों डिग्री बंट रही है,
आपको बता दें कि प्रशांत कुमार करीब 9 महीने यानी 237 दिनों से पदयात्रा कर रहे हैं. वह बिहार के गांव-गांव पहुंचकर वहां के लोगों से उनका हाल जान रहे हैं. गुरुवार को वे सरायरंजन और उजियारपुर के आठ गांवों में गए थे इस दौरान वे 12 किलोमीटर तक सफर तय किए और ग्रामीण जनता को वोट की ताकत का एहसास दिलाया
First Updated : Friday, 14 July 2023