Bihar Politics: कभी बीजेपी तो कभी लालू यादव... जानिए कब-कब सियासी दाव पेंच खेलकर बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार
Bihar Politics: जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं. 28 जनवरी को शाम पांच बजे उन्होंने सीएम पद की शपथ ले ली है. हालांकि, उन्होंने सीएम पद पर बने रहने के लिए कई बार पाला बदला है जिसकी वजह से उनकी तुलना गिरगिट से की जा रही है.
Bihar Politics: बिहार में चल रही राजनीतिक उथल- पुथल के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दिया है और इसके साथ ही राज्य में 17 महीने पुरानी महागठबंधन का भी अंत हो गया है. इस्तीफे के बाद आज शाम पांच बजे नीतीश कुमार 9वीं बार सीएम पद की शपथ ली है. दरअसल, नीतीश कुमार ने सीएम पद पर बने रहने के लिए अपनी पार्टी के साथ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गुट में शामिल हो गए हैं. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब जेडीयू के अध्यक्ष ने सीएम पद पर बने रहने के लिए पाला बदला है. बल्कि इससे पहले भी वो कई बार ऐसा कर चुके हैं जिस वजह राजनीतिक गलियारों में उनकी काफी आलोचना भी की जा रही है.
पहली बार 7 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे नीतीश कुमार-
नीतीश कुमार पहली बार साल 2000 में बिहार की सत्ता में आए थे. तब वह केवल 7 दिन के लिए ही बिहार के मुख्यमंत्री बने थे क्योंकि, वह पूर्ण बहुमत साबित नहीं कर पाए थे इसलिए उन्हें इस्तिफा देना पड़ा था. तब से लेकर अभी तक 24 साल हो गए हैं. इन 24 साल में आज वह 9वीं बार मुख्यमंत्री बन गए हैं. इस बार वो भाजपा में शामिल होकर सीएम बने हैं तो चलिए इस मौके पर जानते हैं कि, कब-कब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने.
2005 में बीजेपी के साथ मिलकर बनाई सरकार-
साल 2005 में लालू यादव के जंगलराज को मुद्दा बनाते हुए नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ मिलकर बिहार में चुनाव लड़े. उस दौरान उन्हें पूर्ण बहुमत मिला जिसके बाद वे दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री का पदभार संभाले. इसके बाद एक बार फिर एनडीए के साथ मिलकर साल 2010 में वह तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए.
2015 में लालू के साथ मिलकर सीएम बने नीतीश-
जब बिहार में विधानसभा चुनाव की बारी आई तो साल 2015 में नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया. इस गठबंधन को बिहार में महागठबंधन का नाम दिया गया. उस दौरान बिहार में महागठबंधन की जीत हुई और नीतीश पांचवी बार मुख्यमंत्री पद पर बने रहे. उस दौरान लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव पहली बार उप मुख्यमंत्री बने थे. हालांकि इस बार भी नीतीश कुमार ने महागठबंधन से रिश्ता तोड़ लिया.
दरअसल, 2017 में तेजस्वी यादव पर सीबीआई ने कई आरोप लगाए जिसके बाद नीतीश ने महागठबंधन का पाला छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और लगातार छठवीं बार राज्य के सीएम बने.
2020 में भी बीजेपी संग चुनाव जीतकर सीएम बने नीतीश-
2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ चुनावी मैदान में उतरे. उस दौरान लोकसभा की 39 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. वहीं लोकसभा चुनाव के ठीक एक साल बाद बिहार में हुए विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू एनडीए के साथ रही. इस गठबंधन को भरपूर प्यार मिला और सूबे में एनडीए की फिर से सरकार बनी. हालांकि, विधानसभा चुनाव में जेडीयू को कम सीटें मिली लेकिन फिर भी बीजेपी ने नीतीश कुमार को ही सातवीं बार सीएम बनाया.
2022 में राजद के साथ मिलकर बनाई सरकार-
नीतीश कुमार के सीएम बनने के दो साल बाद ही यानी 2022 में जेडीयू और एनडीए के गठबंधन में कड़वाहट आ गई. इस कड़वाहट की वजह से नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए और राज्य में सरकार गिर गई. इसके बाद नीतीश कुमार राजद के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई. इस बार भी सीएम नीतीश कुमार ही रहे. बता दें कि, ये आठवी बार था जब वह सीएम पद पर बने रहे हैं. वहीं आज एक बार फिर अपनी सीएम की कुर्सी बचाने के लिए वह एनडीए के साथ मिलकर 9वां बार सीएम बन गए हैं.