बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को नियमों में बदलाव कर जेल से रिहा किया गया। इसके बाद बिहार की सियासत तेज हो गई है। इस मामले को लेकर बीजेपी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई तरह के आरोप लगा रहे है। वहीं राजनीति गलियारों में आनंद मोहन की रिहाई को 2024 के लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव में होने वाले फायदे से जोडकर देखा जा रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की रिहाई पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 27 कैदियों में से सिर्फ आनंद मोहन की रिहाई पर क्यों चर्चा हो रही है?
शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनंद मोहन की रिहाई पर कहा कि "2017 से लेकर अब तक बिहार में 698 कैदियों को रिहा किया गया। इस बार भी 27 कैदियों की रिहाई हुई है जिसमें से सिर्फ एक ही (कैदी की रिहाई) पर चर्चा क्यों हो रही है।" बता दें कि आनंद मोहन छोड़े जाने के बाद से बीजेपी लगातार नीतीश कुमार और लालू पर गंभीर आरोप लगा रही है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने गुरूवार को कहा था कि नीतीश सरकार फेल है। उन्होंने कहा कि 27 लोगों की रिहाई से समझा लिया जाए कि मरे हुए व्यक्ति को छोड़ा जा रहा है। इससे बड़ा फेल्योर क्या हो सकता है। आनंद मोहन की सम्राट चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि लालू यादव ने उन्हें फंसाया, एफआईआर फाड़ कर आनंद मोहन पर फिर से एफआईआर करवाई। उन्होंने कहा कि लालू यादव से पूछें जाए कि उन्होंने आनंद मोहन को फंसाने का काम क्यों किया?
दरअसल, बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। गुरूवार को 15 साल के बाद आनंद मोहन को जेल से आजाद कर दिया गया था। उनके साथ 26 और कैदियों की भी रिहाई हुई। आनंद मोहन के जेल से रिहा होने के बाद उनके समर्थकों ने मिटाइयां बांटकर उनका भव्य स्वागत किया। इसके बाद बिहार की राजनीति में हर तरफ आनंद मोहन की रिहाई को लेकर चर्चाएं हो रही है। इसे लेकर बीजेपी नेता लगातार नीतीश सरकार पर आरोप लगा रहे है। First Updated : Friday, 28 April 2023