Valmiki Nagar: बर्फ से ढकी पहाड़ियों, खूबसूरत कॉटेज और पानी पर बहते शिकारे ये तमाम खासियत कश्मीर को धरती का स्वर्ग बनाती है. इस बीच आज हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे बिहार का कश्मीर कहा जाता है. ये जगह धार्मिक और प्राकृतिक दोनों दृष्टि से बेहद आकर्षक हैं. जिस जगह की हम बात कर रहे हैं उसका नाम वाल्मीकि नगर है जो नेपाल से सटा हुआ है.
भारत नेपाल बॉर्डर से सटा यह नगर प्रकृति के गोद में बसा बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है. यहां जाने के बाद आपका मन प्रकृति की खूबसूरती देखकर झूम उठेगा और मन वहीं पर ठहर जाएगा. हरे भरे जंगलों से ढके इस शहर को देखकर लगेगा जैसे प्राकृतिक अपने आगोश में ले रखा है. नेपाल से आने वाली नदिया इस शहर को और भी खूबसूरत बनाती हैं.
वाल्मीकि नगर चम्पारण जिले के सबसे उत्तरी भाग में नेपाल की सीमा के पास बेतिया से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह एक छोटा कस्बा है जहां कम आबादी है और यह अधिकांश वन क्षेत्र के अंदर है. पश्चिमी चंपारण जिले का सबसे निकटतम एक मुख्य रेलवे स्टेशन बगहा BUG से उतरकर बस द्वारा वाल्मीकि नगर जा सकते हैं. बगहा रेलवे स्टेशन नरकटियागंज के रेलखंड के पास वाया हरिनगर 5वां स्टेशन है. पटना, मुजफ्फरपुर से वाया बेतिया जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग से भी बगहा, वाल्मीकिनगर (भैंसालोटन) जाया जा सकता है.
वाल्मीकि नगर में बिहार का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है जिसे वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान (Valmiki National Park) के नाम से जाना जाता है. यह पार्क उत्तर में नेपाल के रॉयल चितवन नेशनल पार्क और पश्चिम में हिमालय पर्वत की गंडक नदी से घिरा हुआ है. यहां बाघ, स्लॉथ बीयर, भेड़िए, हिरण, शेर, चीते, अजगर, पीफोल, चीतल, सांभर, नीलगाय, हाइना, भारतीय सीवेट, जंगली बिल्लियां, हॉग डियर, जंगली कुत्ते, एक सींग वाले राइनोसेरॉस तथा भारतीय भैंसे कभी कभार चितवन से चलकर वाल्मीकि नगर में आ जाते हैं.
नेपाल बॉर्डर से सटा और बेतिया के पास मौजूद बिहार का कश्मीर में तीन नदियों का संगम देखने को मिलता है. तीन नदियों ( नारायणी, तमसा और सोनहा) का संगम 'त्रिवेणी' नेपाल और वाल्मिकिनगर को आपस में जोड़ती है इसलिए ये धार्मिक दृष्टि से भी खास हो जाती हैं. इन नदियों को लेकर मान्यता है कि, अगर किसी की भी मौत कहीं भी हो जाए लेकिन त्रिवेणी में अंतिम संस्कार होता है तो माना जाता है कि उसे मुक्ति मिल जाती है. त्रिवेणी का संगम देखने में मन मोह लेता है जिसे देखने के लिए देश-विदेश से आते हैं.
वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व खूबसूरत घने जंगलों से घिरा हुआ है. यह लगभग 10 किलोमीटर में फैला हुआ है जो इसकी सुंदरता को बढ़ाता है. ये न सिर्फ पर्यटन बल्कि धार्मिक लिहाजा से भी काफी मशहूर है. ऐसी मान्यता है कि, इसी वन में लव कुश का जन्म हुआ और यहीं से माता सीता जी धरती में समा गई थी. यहां पर कई मंदिर हैं जो बहुत प्राचीन है. यहां दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.
अगर आप बिहार से हैं और खुले आसमान में चिड़ियों के चहचहाने और चहुंओर हरियाली और वन्यजीव को देखना चाहते हैं, तो बिहार का कश्मीर कहे जाने वाले वाल्मीकिनगर में का दीदार जरूर करें. वाल्मीकि नगर की खासियत तो हमने आपको बता दी लेकिन अब सबसे जरूरी घूमने जैसी क्या कुछ है इसके बारे में जानते हैं. अगर आप वाल्मिकीनगर जाते हैं तो यहां वन क्षेत्रों में गेस्ट हाउस और ईको हट जैसी सुविधाएं हैं जहां आप ठहर सकते हैं. ध्यान रहे कि, यहां रुकने के लिए आपको ऑनलाइन के माध्यम से बुक करना होगा. यहां आपको खाने के लिए नाश्ता, भोजन भी मिलेगा जिसके लिए आपको खुद पैसे चुकाने होंगे.
वन्यजीवों को नजदीक से दीदार और प्राकृतिक सुंदरता को निहारने के लिए बिहार का ये पर्यटक बेहद खूबसूरत है. यहां आप जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं जिसके लिए एक व्यक्ती पर लगभग 400 रुपये का खर्च होगा. अपनी यात्रा के दौरान आप वीटीआर में कही भी फोटो, वीडियो, सेल्फी अपने फोन कैमरा से बना सकते हैं. यहां ट्री व बंबू हट, बराज का तट, कई प्राचीन धार्मिक स्थल, नौरंगिया व कोतराहा के बीच सदाबहार जंगल, रंग बिरंगे फूलों से सजे खूबसूरत पार्क आदि स्थल हैं जहां सेल्फी पॉइंट बने हुए हैं. आप इन जगहों को यादगार बनाने के लिए अपनी फोटो खिंचवा सकते हैं.
First Updated : Saturday, 29 June 2024