River of Bihar: बिहार में कई नदियां बहती है, मगर शोक नदी के नाम से मशहूर कोसी नदी को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला बताया जाता है. दरअसल कोसी नदी रास्ता बदलने में बहुत माहिर है. यह नदी चीन, नेपाल, भारत से होकर बहती है, इस नदी की सबसे खास बात ये है कि, यह रास्ता बदलने के साथ तबाही मचाने में आगे रहती है. कोसी नदी तिब्बत में स्थित विशाल हिमालय की ढलानों से निकलकर बहती है.
वहीं जैसे ही यह भारत से सटे नेपाल से होकर गुजरती है, यह अपने साथ कई कण-अंश एकत्र करते हुए बहती है. इसके अंदर रेत और गाद अधिक मात्रा में पाया जाता है. जिसके कारण प्राकृतिक रूप से बांध बन जाते हैं, और बांध नदी को बहने में बाधा बनने लगती है.
कोसी नदी के रास्ता बदलने का राज इनके अंदर पाए जाने वाले छोटे अंशों या कणों का जमाव है. जिनका वजन नदी के रास्ते में रुकावट बनकर खड़ी हो जाती है. जिसका परिणाम ये होता है कि, नदी अपना रास्ता ही बदल लेती है. इतना ही नहीं आस-पास के बसे इलाकों को यह अपने साथ बहा लेती है. साथ ही कई बार तो विनाश का कारण भी बन जाती है. जबकि नदियां तो जीवन-यापन करने का मुख्य स्त्रोत है.
दरअसल कोसी नदी में बहने वाली पानी से लोगों का जीवन-यापन करना मुश्किल हो जाता है. इस नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए यह जीवन शैली एवं पीड़ा का स्रोत दोनों मानी जाती है. वहीं इसकी खासियत है कि, यह नदी कृषि के लिए उपजाऊ मिट्टी भी प्रदान करती है. मगर नदी का मार्ग में तुरंत बदलाव विनाश का कारण बन जाता है. इससे संपत्ति के साथ आजीविका को बड़े पैमाने पर लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है. First Updated : Monday, 26 February 2024