Bihar Caste Survey: बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं को खारिज करने के लिए पटना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिकाओं पर आज (6 सितंबर) सुनवाई होगी. इस केस की सुनवाई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी बेंच ही जारी रखेगी. बता दें कि पिछले सप्ताह ही केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा वापस ले लिया था, जिसमें कहा गया था कि केंद्र के अलावा कोई जनगणना नहीं कर सकता है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी हलफनामे में उस पैराग्राफ को वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि संविधान के अनुसार केंद्र के अलावा कोई अन्य जनगणना या इसके समान गणना नहीं करा सकता है. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था. जबकि केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि वह संवैधानिक और कानूनी स्थिति को रिकॉर्ड पर रखना चाहते हैं.
शीर्ष अदालत में दायर याचिका में कहा गया कि जनगणना सर्वेक्षण गोपनीयता कानून का उल्लंघन करती है और केवल केंद्र सरकार को ही जनगणना कराने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि स्टेट गवर्नमेंट के पास जाति आधारित जनगणना कराने और उसे अधिसूचित करने का अधिकार नहीं है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेक्षण के परिणामों के प्रकाशन पर अंतरिम आदेश पारित करने से बार-बार इंकार कर दिया था. प्रकाशन करने पर ये तर्क दिया गया कि पब्लिश होने पर मामला निरर्थक हो जाएगा.
नीतीश सरकार ने साफतौर से कहा है कि बिहार में जाति आधारित जनगणना पूरी हो चुकी है और जल्द ही सर्वेक्षण के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए जाएंगे. वहीं, राज्य सरकार की ओर से जनगणना में ट्रांसजेंडर को लिंग की बजाए उसे जाति में रखा गया है, शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर इसको भी चुनौती दी गई है. First Updated : Wednesday, 06 September 2023