Chhath Puja 2023: छठ की शुरुआत 17 नवंबर से हो रही है. नहाय खाय, के बाद खरना, संध्या अर्घ्य और उदगमी सूर्य को अरग देने के साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाता है. इस पूजा में कई ऐसे सामान है जो पूजा के लिए महत्वपूर्ण है. गरीब हो या अमीर जो भी छठ व्रत करते हैं उन्हें ये समान खरीदना ही पड़ता है. ऐसे में बिहार की राजधानी पटना में छठ पूजा के लिए बाजार सज गया है. पटना के कई बाजार में सूप, दउरा से लेकर चूल्हा और मिट्टी के हाथी तक बिक रहा है.
छठ पूजा में सूप- दउरा का विशेष महत्व है. छठ पूजा करने के लिए घाट पर दउरा में ही प्रसाद रखकर ले जाता है और सूप से भगवान सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इसके अलावा छठ पूजा के लिए प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी का चुल्हे शूभ माना जाता है. मिट्टी के चूल्हे पर भी ठेकुआ, गुड़ की खीर बनाए जाते हैं ऐसे में पटना के कई बाजार में मिट्टी के चुल्हा और आम की लकड़ी भी देखने को मिल रही है.
छठ पूजा में हाथी और कोसी भराई का विशेष महत्व है. कोसी भराई के लिए मिट्टी के हाथी की आवश्यकता होती है. ऐसे में पटना बाजार में सूंदर-सूंदर मिट्टी के हाथी भी देखने को मिल रही है.
बता दें कि, छठ पूजा में छठी मैया को हाथी अर्पित करने की परंपरा काफी पुरानी है, मान्यता है कि, मन्नत पूरी होने पर व्रती छठी मईया को हाथी अर्पित करके शुक्रिया अदा करती है. First Updated : Wednesday, 15 November 2023