बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में जहरीली शराब से हाहाकार मचा हुआ है। कई लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच इस मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के बीच अरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है।
जिला पुलिस ने अब तक 5 मामले दर्ज किए है और मामले में आगे की जांच की जा रही है। इस मामलों को लेकर दो पुलिस अधिकारी एव नौ चौकीदारों को स्थागित कर दिया गया है और शराब के अवैध कारोबार में शामिल 80 लोगों को अब तक गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मोतिहारी की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि राज्य में शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को शराब नहीं पीने के लिए जागरूक किया जा रहा है। बिहार के हालात करने वालो लोगों को पकड़ा जा रहा है। ऐसी घटना होने के बाद हमलोगों को भी दुख होता है हमारी सारी मेहनत बेकार हो गयी। शराब पीने से नुकसान होगा ही हमें बापू की बातों को याद रखना चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 'जिन लोगों की मृत्यु जहरीले शराब से हुई है और उनके परिवार हमें लिखित में देंगे कि वे राज्य में शराबबंदी के पक्ष में हैं और वे शराब पीने के खिलाफ हैं तो हम उनकी मदद करेंगे। उन्हें हम मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपए देंगे। 2016 के बाद जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजन हमें अर्जी देंगे तो उन्हें हम सहायता राशि देंगे।
बिहार एक ड्राई स्टेट के नाम से जाना जाता हैं। बिहार में 2016 में शराबबंदी लागू हुई थी। इसके बावजूद बिहार के कई लोग जहरीली शराब का शिकार हो रहे है। आपको बता दें कि शुरूआती दौर में शराब पीने से मरने वालों को मुआवजा मिला था। लेकिन उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि शराब पीने से मरने वालों को कई मुआवजा नहीं मिलेगा साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि शराब पियोगे तो मरोगे और अब नीतीश कुमार ने 4-4 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है तो ऐसे कयास लगाया जा रहाहै कि यह कहीं चुनाव को देखते हुए तो नहीं किया गया है? First Updated : Monday, 17 April 2023