हाय रे बिहार! पर्यटन विभाग की 113 एकड़ ज़मीन थी गायब, सालों बाद मिली
Bihar Land News : आखिर बिहार सरकार की 100 से ज्यादा एकड़ जमीन कैसे लापता हो गई? आखिर आसमान निगल गया था या अचानक ये जमीन ही गायब हो गई थी? ये बड़ा सवाल था. लेकिन अब सालों बाद बिहार सरकार के अधिकारियों ने इसे खोज निकाला है. पर्यटन विभाग को अब तक सबसे ज्यादा जमीन नालंदा के सूरजपुर में मिली है, जहां 49 एकड़ जमीन का पता चला है
Bihar Land News: बिहार अपने अजब-गजब घटनाओं के लिए जाना जाता है. कफी वहां ट्रेन का इंजन ही गायब हो जाता है तो कफी भैंस के चोरी होने पर पूरे थाने की ही ड्यूटी लगा दी जाती है. अब एक बार फिर कुछ ऐसी ही चौंकाने वाली घटना समाने आई है. जिस सुनने के बाद आप हैरान हो जाएंगे. आपको यकीन नहीं होगी कि ऐसी भी हो सकता है. दरअसल हाल ही में बिहार में सरकारी जमीन के गायब होने का मामला सामने आया है, जहां कई विभागों की सैकड़ों एकड़ जमीन का कोई अता-पता नहीं है.
जब विभागों ने जमीन की खोजबीन शुरू की तो लापता जमीन भी मिलने लगी. हाल ही में पर्यटन विभाग को 100 एकड़ से ज्यादा जमीन मिली है जो राज्य के अलग-अलग शहरों में फैली हुई है. पर्यटन विभाग को अब तक सबसे ज्यादा जमीन नालंदा के सूरजपुर में मिली है, जहां 49 एकड़ जमीन का पता चला है. इसके अलावा, वैशाली में 12 एकड़, पश्चिम चंपारण में 5 एकड़, सहरसा में 22 एकड़, भागलपुर में 9 एकड़ और मुंगेर में 13 एकड़ जमीन मिली है. इस तरह कुल मिलाकर 113 एकड़ जमीन का पता चला है जो पहले गायब थी.
विभागों की कई एकड़ जमीन गायब
बिहार में राज्य के विभागों की कई एकड़ जमीन गायब थी, जिसे अब फिर से खोज निकाला गया है. पर्यटन विभाग को नालंदा, वैशाली, पश्चिम चंपारण, सहरसा, भागलपुर और मुंगेर में 113 एकड़ जमीन मिली है. अब इस जमीन पर पर्यटकीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी और यह निजी निवेश को आकर्षित करेगा. विभाग अब इस जमीन पर पर्यटकीय सुविधाएं विकसित करने की योजना बना रहा है. नई पर्यटन नीति के बाद निजी क्षेत्र से निवेश की उम्मीद बढ़ गई है, ऐसे में जमीन की उपलब्धता काफी महत्वपूर्ण हो जाती है.
विभाग ने खोज निकाली जमीन
बिहार के पर्यटन और उद्योग विभाग की कमान नीतीश मिश्रा के हाथ में है. नीतीश मिश्रा को उनके विजन और सूझबूझ से मंत्रालय चलाने के लिए भी जाना जाता है. एक अखबार के मुताबिक पर्यटन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, कई जगहों पर जमीन की कमी के कारण पर्यटन से जुड़ी योजनाओं को पूरा करने में दिक्कतें आ रही थीं. 'राज्य में कई स्थानों पर जमीन की कमी के कारण पर्यटकीय सुविधाएं विकसित करने में परेशानी हो रही है. ऐसी स्थिति में जमीन उपलब्ध होने से पर्यटन संबंधित कई योजनाएं आगे बढ़ेंगी. मसलन नालंदा में जमीन मिलने से पर्यटकीय सुविधा विकसित करने में आसानी होगी.'