Land For Job Case: आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लैंड फॉर जमीन मामले में पूछताछ के लिए पटना स्थित दफ्तर बुलाया गया है. इससे पहले लालू प्रसाद से करीब आठ घंटे पूछताछ की गई है. तेजस्वी के ईडी दफ्तर की ओर रवाना होने के बाद राज्यसभा सांसद और राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने एजेंसी की कार्यशैली पर सवाल पर खड़े किए हैं.
आपको बताते चलें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 19 जनवरी को नोटिस जारी कर तेजस्वी यादव को 30 जनवरी को पटना में स्थित दफ्तर में नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया. इसके बाद तेजस्वी यादव 11 बजे तेजस्वी यादव ने ईडी दफ्तर के लिए अपने आवास के लिए रवाना हो गए और करीब साढ़े 11 ईडी ऑफिस पहुंच गए. पूर्व उप मुख्यमंत्री ईडी दफ्तर पहुंचने से पहले ही उनके समर्थकों का हूजूम वहां पर लग गया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगा.
इस पूरे घटनाक्रम पर मनोज कुमार झा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी सबकी तलाशी करेगी. उन्होंने कहा कि कल लालू प्रसाद के साथ जो हुआ, वो आज तेजस्वी के साथ हो रहा है और यह महाराष्ट्र-तमिलनाडु में भी यही हालत चल रहे हैं. विपक्ष को अब यह समझ लेना चाहिए कि अब उन्हें लोकसभा चुनाव भी लड़ना है और इस एजेंसी का भी मुकाबला करना है. राजद नेता ने कहा कि अगर विपक्षी पार्टियों को लोकसभा चुनाव में भाजपा का सामना करना है तो इन जांच एजेंसियों भी लड़ना पड़ेगा. बिना इनसे लड़े भाजपा का मुकाबला नहीं किया जा सकता है.
प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों लालू यादव और राबड़ी देवी से जुड़े कथित नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पुलिस हिरासत में एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने संपत्ति अर्जित की थी. एक उम्मीदवार से और बाद में उसे हेमा यादव को ट्रांसफर कर दिया गया.