Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी के बावजूद भी शराब तस्करी की खबर सामने आती रहती है, इसी बीच केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी का बयान वायरल हो रहा है, जिसमें ऐसा बोलते नजर आ रहे हैं कि राज्म में शराबबंदी होने के बावजूद भी वो शराब पीते हैं, मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि क्या शराबबंदी ठीक है, इस पर मांझी ने कबूल करते हुए कहा कि शराबबंदी खराब चीज नहीं है, मगर उसके क्रियान्वन में गड़बड़ी है.
उन्होंने शराबबंदी के क्रिन्यावन में गड़बड़ी बताई है, हालांकि, उन्होंने शराबबंदी लागू करने को सही माना है. बता दें, इससे पहले भी कई नेताओं ने शराबबंदी की मुखालफ्त की है. साल 2017 में पूरे बिहार में शराबबंदी लागू कर दिया गया था.
शराबबंदी पर बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि गरीब लोग अगर 250 ग्राम भी शराब पी लेते हैं तो उसको जेल भेज दिया जाता है. दूसरी तरफ जो लाखों लीटर शराब का तस्करी करता है उसको छोड़ दिया जाता है. जैसे हम लोग रात में शराब पीते हैं तो हम लोग को नहीं पकड़ा जाता है. ऐसा नहीं होना चाहिए, यह दो रंग की नीति है.
मांझी ने कहा कि शराबबंदी का फैसला हम सभी लोगों ने चर्चा के बाद प्लान तैयार करके लिया था. लेकिन इस वक्त शराबबंदी के नियमों में समीक्षा की जरूरत है. ताकि गरीब लोग परेशान न हों. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के ऐसे ही मामलों में करीब 5 लाख गरीबों पर मुकदमा हुआ है. हम मुख्यमंत्री से कई बार शराबबंदी के नियमों में समीक्षा की भी मांग कर चुके हैं.
मांझी के बयान पर राष्ट्रीय जनता दल ने हमला बोला है. आरजेडी ने कहा है कि गरीब लोगों को पकड़ लेती है सरकार, लेकिन केंद्रीय मंत्री स्वीकार कर रहे है कि वो भी शराब पीते हैं. ऐसे में इनको भी गिरफ्तार किया जाए. क्योंकि वो कह रहे है कि वो भी शराब पीते हैं. इसकी जांच होनी चाहिए. व्हाइट कॉलर वालों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे. First Updated : Friday, 13 September 2024