बिहार में जातीय गणना पर लगी रोक पटना हाईकोर्ट ने हटा लिया. मंगलवार 1 अगस्त को हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि बिहार की जाति आधारिक गणना होगी. 4 मई को पटना हाईकोर्ट की ओर से अंतरिम रोक लगाई थी. इस पर लालू प्रसाद यादव और बिहार के उपमुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पटना हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, "हम हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. यह सिर्फ एक फैसला नहीं है बल्कि गरीबों के लिए फैसला है. इससे उनके लिए दरवाजे खुलेंगे. उनके सर्वेक्षण के बाद, उनकी आर्थिक स्थिति का पता चलेगा और उस आधार पर सरकार उनके लिए योजनाओं का मसौदा तैयार करेगी और इससे विकास के द्वार खुलेंगे. मैं CM और तेजस्वी यादव को धन्यवाद देता हूं, उन्होंने कड़ी मेहनत की."
साथ ही आगे लालू प्रसास यादव से पूछा गया कि विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक के बारे में तो उन्होंने कहा, "I.N.D.I.A गठबंधन की एक बैठक होगी और हम उसमें भी भाग लेंगे."
पटना हाईकोर्ट द्वारा बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि "यह एक ऐतिहासिक फैसला है. हाईकोर्ट ने महागठबंधन सरकार के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. यह स्वागत योग्य निर्णय है. हमारी लड़ाई समाज के पिछड़े लोगों को मुख्यधारा में लाने की है. जब जाति आधारित सर्वेक्षण होगा, तो स्पष्टता आएगी और उसी आधार पर सरकार योजनाएं बनाएगी और उन तक सुविधाएं पहुंचाएगी. भाजपा जातिगत जनगणना को रोकना चाहती थी. मैं ऐसा करने के लिए मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव को धन्यवाद देता हूं.
ED द्वारा नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद यादव और परिवार की संपत्ति जब्त करने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, "वे और क्या कर सकते हैं? उन्हें लगता है कि इस तरह हम परेशान हो जाएंगे और झुक जाएंगे लेकिन ये 'मुंगेरी लाल के हसीन सपने' हैं. इनसे कोई डरने वाला नहीं है. हम लड़ेंगे और जीतेंगे." First Updated : Tuesday, 01 August 2023