Bihar Transgender: बिहार में अचानक कैसे ग़ायब हो गए 41175 किन्नर; जातिगत जनगणना की खुलने लगी पोल!
Bihar Transgender News: रेशमा ने कहा कि, बिहार सरकार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में ट्रांसजेंडर की आबादी 825 है. जबकि 2011 की जनगणना के मुताबिक हमारी आबादी 42000 के करीब थी.
हाइलाइट
- जातीय आंकड़ों से ट्रांसजेंडर समुदाय नाखुश
- सामाजिक कार्यकर्ता ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की
Bihar Transgender News: सीएम नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी कर दी है. इन आंकड़ों के जारी होने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने इसपर अपनी नाराजगी जाहिर की है. आंकड़ों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं. ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रेशमा प्रसाद (Reshma Prasad) ने बिहार सरकार द्वारा आंकड़ों को फर्जी करार दिया है. उनका मानना है कि जनगणना के दौरान उनसे कोई ब्योरा नहीं लिया गया.
जातीय जनगणना में ट्रांसजेंडर की संख्या 825
रेशमा ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में ट्रांसजेंडर की आबादी 825 है. जबकि 2011 की जनगणना के मुताबिक हमारी आबादी 42000 के करीब थी. सर्वेक्षण के दौरान अधिकारियों ने ट्रांसजेंडरों की सही से जानकारी नहीं ली और मेरे पास भी नहीं आए और न ही मुझसे मेरी जाति पूछी गई.
रेशमा ने की पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर
उन्होंने आगे कहा कि तीसरे लिंग का कॉलम 22 है, जो कहता है कि बिहार में ट्रांसजेंडरों की आबादी 825 है और प्रतिशत 0.0006 है. यह बिल्कुल फर्जी आंकड़े जारी किए गए हैं. अगर सरकार को असली आंकड़े जानने हैं तो उन्हें पटना जंक्शन, रेलवे स्टेशन और टोल प्लाजा पर जाना चाहिए. रेशमा ने कहा कि अधिकारी सर्वेक्षण के लिए मेरे पास नहीं आए हैं, इसलिए मैं पहले से ही पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुकी हैं.
बिहार सरकार ने हमारे साथ अन्याय किया: ट्रांसजेंडर
कार्यकर्ता ने आगे कहा कि, बिहार सरकार ने हमारे साथ मतभेद और अन्याय किया है. जब हम किसी से खुश होते हैं तो उसे दुआ देते हैं और जब दुखी होते हैं तो शाप भी देते हैं. बता दें कि राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मेरे पास भी कोई अधिकारी मेरी जाति पूछने के लिए नहीं आया.