इलेक्शन कमीशन से ज्यादा भरोसा फुलेरा के ग्राम प्रधान पर करते हैं आरजेडी के नेता, जानें पूरा मामला
संसद में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में वेब सीरीज पंचायत का भी जिक्र हुआ. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने अपने संबोधन के दौरान वेब सीरीज पंचायत का जिक्र किया और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए.
18 वीं लोकसभा चुनाव के बाद चल रहे पहले संसद सत्र में सोमवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला. विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से विरोध जताया गया. राहुल के बयान पर सदन में खूब शोर-शराबा हुआ. वहीं, दूसरी ओर RJD के कद्दावर नेता मनोज झा के संबोधन की चर्चा भी जोरों पर हो रही है.
दरअसल आज मनोज झा ने आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश सरकार को जमकर घेरा है. इसके साथ एक सर्वे के आधार पर पंचायत वेब सीरीज की चर्चा कर ECI की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं. तो आइये जानते हैं कि मनोज झा ने अपने दोनों बयानों में क्या कहा?
बढे हुए आरक्षण को बचाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल लड़ रही है।
"अगर सरकार इसको चैलेंज नहीं करेगी तो राजद सुप्रीम कोर्ट जाएगी, हम इंतजार कर रहे हैं।" pic.twitter.com/s3bWlgrzUy— Kanchana Yadav (@Kanchanyadav000) July 1, 2024
संसद में हुई पंचायत वेब सीरीज की चर्चा
इसके साथ ही आरजेडी सांसद ने एक सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि इस सर्वे में 28 फीसदी लोगों ने ये बताया है कि उन्हें इलेक्शन कमीशन पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा भरोसा तो वेब सीरीज पंचायत में फुलेरा के ग्राम प्रधान पर है. मनोज झा ने इमरजेंसी को लेकर भी अपनी राय रखी. मनोज झा ने कहा कि इमरजेंसी की बहुत चर्चा हो रही है.
इमरजेंसी पर रखी अपनी राय
मनोज झा ने आगे कहा कि सचमुच बहुत खराब हालात थे. लेकिन यह कहना चाहूंगा कि इंदिराजी के एडवाइजर स्मार्ट नहीं थे. इंदिराजी के एडवाइजर स्मार्ट होते तो कहते कि ऐसे ही हो जाएगा, 352 के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं है.
इलेक्शन कमीशन के क्रेडिबिलिटी पर एक सर्वे हुआ, बस 28% लोगों का भरोसा इलेक्शन कमीशन पर है।
— ⭐Tóxic_Máfia⭐ (@THESAVAGETOXIC) July 1, 2024
इससे ज्यादा भरोसा तो पंचायत वेब सीरीज के फुलेरा ग्राम प्रधान का है।
- मनोज झा सर
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जातिगत जनगणना पर कही ये बात
राज्य सभा सांसद ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना नीतीशजी और तेजस्वीजी ने मिलकर जातिगत जनगणना कराई. कोर्ट में इसे सॉलिसिटर जनरल ने रोकने की कोशिश की. एक तरफ आप कह रहे हैं कि वंचितों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे. आज बिहार की मांग है कि सर्वे के बाद हुए आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालिए. अभी पटना हाईकोर्ट का फैसला आया है. इसके खिलाफ सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो RJD कोर्ट जाएगी.