18 वीं लोकसभा चुनाव के बाद चल रहे पहले संसद सत्र में सोमवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला. विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से विरोध जताया गया. राहुल के बयान पर सदन में खूब शोर-शराबा हुआ. वहीं, दूसरी ओर RJD के कद्दावर नेता मनोज झा के संबोधन की चर्चा भी जोरों पर हो रही है.
दरअसल आज मनोज झा ने आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश सरकार को जमकर घेरा है. इसके साथ एक सर्वे के आधार पर पंचायत वेब सीरीज की चर्चा कर ECI की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं. तो आइये जानते हैं कि मनोज झा ने अपने दोनों बयानों में क्या कहा?
इसके साथ ही आरजेडी सांसद ने एक सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि इस सर्वे में 28 फीसदी लोगों ने ये बताया है कि उन्हें इलेक्शन कमीशन पर भरोसा है. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा भरोसा तो वेब सीरीज पंचायत में फुलेरा के ग्राम प्रधान पर है. मनोज झा ने इमरजेंसी को लेकर भी अपनी राय रखी. मनोज झा ने कहा कि इमरजेंसी की बहुत चर्चा हो रही है.
मनोज झा ने आगे कहा कि सचमुच बहुत खराब हालात थे. लेकिन यह कहना चाहूंगा कि इंदिराजी के एडवाइजर स्मार्ट नहीं थे. इंदिराजी के एडवाइजर स्मार्ट होते तो कहते कि ऐसे ही हो जाएगा, 352 के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं है.
राज्य सभा सांसद ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना नीतीशजी और तेजस्वीजी ने मिलकर जातिगत जनगणना कराई. कोर्ट में इसे सॉलिसिटर जनरल ने रोकने की कोशिश की. एक तरफ आप कह रहे हैं कि वंचितों का कोई नुकसान नहीं होने देंगे. आज बिहार की मांग है कि सर्वे के बाद हुए आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डालिए. अभी पटना हाईकोर्ट का फैसला आया है. इसके खिलाफ सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो RJD कोर्ट जाएगी. First Updated : Monday, 01 July 2024