Birth Anniversary: हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा, इनके एक इशारे पर ठहर जाती थी मुंबई, पढ़ें बालासाहेब के बारे में रोचक बातें
Bal Thackeray Birth Anniversary: महाराष्ट्र के ऐसे कट्टर हिंदू चेहरा जिसके एक इशारे से पूरी मुंबई ठहर जाती थी. हम बात कर रहे हैं बाल ठाकरे का जिन्होंने आज ही के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया. तो चलिए इनके 11 वीं पुण्यतिथि के खास मौके पर इनके बारे में कुछ खास बाते जानते हैं.
Bal Thackeray 11th Birth Anniversary: बाल ठाकरे की छवि एक कट्टर हिंदू नेता के तौर पर देखा जाता है. इन्होंने ही शिवसेना की स्थापना की है. व महाराष्ट्र ही नहीं देश के बड़े हिंदुत्व के चेहरे रहे हैं. आज ही के दिन (17 नवंबर 2012) 86 साल की उम्र में बाला साहेब ठाकरे ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. आज उनकी 11वीं पुण्यतिथि हैं तो चलिए इस खास मौके पर उनके बारे में कुछ रोचक बाते जानते हैं.
4 दशक तक बाल ठाकरे के इशारो पर घूमती रही मुंबई-
बालासाहेब ठाकरे एक ऐसे व्यक्ति थे जिनके इशारे पर लगभग 4 दशक तक महाराष्ट्र की राजनीति घूमती रही. बाला ठाकरे हमेशा चांदी के सिंहासन पर बैठते और अपनी बनाई हुई शर्तों पर जीते थे. कहा जाता है कि, उनके एक इशारे करते ही रात में न थमने वाली मुंबई भी ठहर जाती थी. बालासाहेब एक कट्टर हिंदू थे जिन्हें मुसलमानों से सख्त नफरत थी. यहां तक उन्होंने मुसलमानों को मुंबई से बाहर चले जाने को कहा था खासकर वे बांग्लादेश से आने वाले मुस्लिम शरणार्थियों के खिलाफ थे.
सरकार में ना रहते हुए भी लेते थे सभी फैसले-
गौरतलब है कि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 1955 में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन पहली बार सत्ता में आई. हालांकि वो सरकार में ना रहते हुए भी सभी फैसलों को प्रभावित किया. बालासाहेब महाराष्ट्र के किंग मेकर थे. बाल साहब को हिंदू सम्राट भी कहा जाता था. वे वैलेंटाइन डे को हिंदू धर्म और संस्कृत के लिए खतरा मानते थे. बाल ठाकरे अपने जीवन में कभी भी कोई चुनाव नहीं लड़े न ही कोई राजनीतिक पद पर रहें बावजूद इसके वे सरकार के हर फैसले लेते ेथे. इनकी छवि ऐसी थी कि इनसे मिलने के लिए पक्ष-विपक्ष सभी आतुर रहते थे.
1966 में शिवसेना का गठन और 1989 में सामना अखबार किया लॉन्च-
आपको बता दें कि, बाल ठाकरे ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार और कार्टूनिस्ट के तौर पर किया है. उन्होंने द फ्री प्रेस जर्नल से करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद इनके कार्टून टाइम्स ऑफ इंडिया में भी छपे. हालांकि साल 1960 में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और मार्मिक नाम से अपनी खुद की पॉलिटिकल मैंगनीज शुरू की. बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को मुंबई के पुणे में हुआ था. वे अपने पिता के विचारधारा से प्रभावित थे. साल 1966 में उन्होंने शिवसेना के नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई. इसके बाद अपनी विचारधारा को आम जनता तक पहुंचाने के लिए साल 1989 में 'सामना' नामक अखबार भी लॉन्च किया.
विवादित बयान के वजह से हमेशा सुर्खियों में रहें-
बाला साहेब करीब 46 वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में रहे. उन्होंने अपने जीवन में कभी कोई चुनाव नहीं लड़े न ही कोई राजनीतिक पद स्वीकार किया लेकिन फिर भी महाराष्ट्र की राजनीति में अहम भूमिका निभाते रहे. मुंबई को अपनी गढ़ बनाकर काम करने वाले बाल ठाकरे हमेशा अपने विवादित बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते थे.