सोनिया गांधी के बयान से भड़की भाजपा, संसद में गूंजे ‘माफी मांगो’ के नारे
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार तेज हो गई है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने इसे संविधान पर हमला बताया और भाजपा पर समाज को स्थायी ध्रुवीकरण की ओर ले जाने का आरोप लगाया. भाजपा ने इस बयान को लेकर सोनिया गांधी से माफी की मांग की। संसद में हंगामे के बीच विधेयक को 288-232 वोटों से लोकसभा और 128-95 वोटों से राज्यसभा में मंजूरी मिल गई. कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है. राजनीतिक माहौल गर्म है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और घमासान होने की संभावना है.

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राजनीतिक हलकों में घमासान मच गया है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के बयान को लेकर भाजपा हमलावर हो गई है और उनसे सार्वजनिक माफी की मांग कर रही है. सोनिया गांधी ने इस बिल को "संविधान पर खुला हमला" करार दिया और भाजपा पर समाज को "स्थायी ध्रुवीकरण" की स्थिति में रखने का आरोप लगाया.
लोकसभा में पारित हुआ वक्फ संशोधन बिल
गुरुवार देर रात लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित किया गया, जिसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं. सोनिया गांधी ने संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कहा कि यह बिल "बलपूर्वक" लोकसभा से पारित कराया गया. उन्होंने "वन नेशन, वन इलेक्शन" बिल की भी आलोचना की और इसे संविधान के साथ छेड़छाड़ बताया.
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "चाहे वह शिक्षा का क्षेत्र हो, नागरिक अधिकार हों, हमारी संघीय संरचना हो या फिर चुनावों का संचालन, मोदी सरकार देश को एक ऐसे अंधकारमय भविष्य की ओर धकेल रही है जहां संविधान केवल कागजों पर सिमट कर रह जाएगा." उन्होंने सरकार पर भारत को "निगरानी राज्य" (Surveillance State) बनाने का भी आरोप लगाया.
कांग्रेस करेगी सुप्रीम कोर्ट का रुख
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इस बैठक में मौजूद थे. सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस शासन (2004-2014) के दौरान शुरू की गई योजनाओं को अपने नाम से दोबारा पेश कर रहे हैं. कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की भी घोषणा कर दी है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हम जल्द ही इस बिल की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे और मोदी सरकार के संविधान पर हर हमले का विरोध जारी रखेंगे."
राज्यसभा में भी गरमाया मुद्दा
लोकसभा में 12 घंटे की लंबी बहस के बाद बिल को 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोधी वोटों के साथ पारित कर दिया गया. इसके बाद यह बिल राज्यसभा में पेश किया गया, जहां भी तीखी बहस देखी गई. विपक्षी दलों ने इसे "अल्पसंख्यक विरोधी" और "असंवैधानिक" बताया, जबकि सरकार ने इसे "ऐतिहासिक सुधार" करार दिया. राज्यसभा में यह विधेयक 128 वोटों के समर्थन और 95 विरोधी वोटों के साथ पारित हो गया.
भाजपा सांसदों का हंगामा
सोनिया गांधी के बयान के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने उनसे माफी की मांग की. भाजपा नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी ने भाजपा को "देश को गर्त में ले जाने वाला" कहा है और यह बयान संविधान पर सीधा हमला है. इसके चलते शुक्रवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण स्थगित करनी पड़ी. भाजपा सांसदों ने "सोनिया गांधी माफी मांगो" के नारे लगाए, जबकि विपक्षी दल अमेरिकी टैरिफ इम्पोजिशन पर सरकार से जवाब मांग रहे थे.
कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया आरोप
संसद की कार्यवाही पर बोलते हुए, सोनिया गांधी ने भाजपा पर कांग्रेस को मुद्दे उठाने से रोकने के लिए बार-बार कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कांग्रेस सांसदों से आह्वान किया कि वे भाजपा-शासित राज्यों की विफलताओं को उजागर करने और कांग्रेस-शासित राज्यों के विकास कार्यों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए ठोस रणनीति तैयार करें.
राजनीतिक माहौल गर्म
वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद से लेकर सड़क तक राजनीति गर्मा गई है. कांग्रेस इसे संविधान विरोधी बताते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, जबकि भाजपा इसे ऐतिहासिक सुधार मानते हुए कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगा रही है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है.