क्या था शाहबानो केस जिसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर बोला हमला, पढ़िए पूरा मामला

भाजपा ने शाहबानो केस का हवाला देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. भाजपा ने कहा कि राजीव गांधी की सरकार ने संविधान के ऊपर शरिया को प्राथमिकता दी थी. बीजेपी का ये बयान तब सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में आज मुस्लिम महिलाओं को सीआरपीसी की धर्मनिरपेक्ष धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए याचिका दायर करने का अधिकार दिया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह निर्देश दिया है कि मुस्लिम महिलाएं भी तलाक के बाद अपने पति से भरण-पोषण के लिए खर्च की मांग कर सकती हैं. अदालत के इस फैसले के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरा है. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अदालत की टिप्पणी का जिक्र करते हुए शाहबानो का मामला उठाया और कांग्रेस को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि जब देश में राजीव गांधी की सरकार थी तब संविधान के शरिया को तवज्जो दी जाती थी.

दरअसल, साल 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के बाद शाहबानो के पति से गुजारा भत्ता मांगने की याचिका को मंजूर कर ली थी लेकिन उस समय कांग्रेस की सरकार थी जिसने कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए संसद में कानून पारित कर दिया था. इसी मामले को लेकर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.

शाहबानो केस को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर बोला हमला

बीजेपी  प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, जब भी कांग्रेस सत्ता में रही है संविधान खतरे में रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक फैसला था जिसने संविधान को प्राथमिकता दी. कांग्रेस सरकार के दौरान संविधान की जो प्रतिष्ठा कुचली गई थी और उसे इस आदेश में बहाल किया है. उन्होंने कहा कि, इस फैसले ने संविधान के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक को खत्म कर दिया है.

बीजेपी  प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को धर्म के नजरिए से नही देखा जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा यहम समान अधिकारों का मुद्दा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि ऐसा कोई धर्मनिरपेक्ष राज्य नहीं है जहां हलाल, तीन तलाक और हज सब्सिडी जैसे शरिया प्रावधानों की अनुमति है.  बीजेपी  प्रवक्ता  ने कहा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने भारत को आंशिक इस्लामिक राज्य में बदल दिया है.

क्या था शाहबानो केस

ये मामला मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली 62 वर्षीय मुस्लिम महिला शाह बानो की है. शाहबानो का निकाह इंदौर के मोहम्मद अहमद खान से हुआ था जो एक जाने माने वकील थे. दोनों के 5 बच्चे थे लेकिन बाद में अहमद ने दूसरी शादी कर ली और उसे तलाक दे दिया. बाद में शाहबानो ने गुजारा भत्ता की मांग के लिए कोर्ट में याचिका दायर की जिसके खिलाफ उनके पति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. उस दौरान लीन मुख्य न्यायाधीश वाईवी चंद्रचूड़, ने कहा था, "धारा 125 को ऐसे व्यक्तियों के वर्ग को त्वरित और संक्षिप्त उपाय प्रदान करने के लिए अधिनियमित किया गया था जो अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं.यह मामला संविधान पीठ तक पहुंच गया था.

First Updated : Wednesday, 10 July 2024