Electoral Bonds: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने की बंपर कमाई, कांग्रेस से 7 गुना ज्यादा मिला चंदा
Electoral Bonds: भाजपा को 2022-23 में चुनावी बांड के माध्यम से लगभग 1300 करोड़ रुपये मिले, जो कांग्रेस से 7 गुना अधिक है. यह खुलासा चुनाव आयोग को सौंपी गई बीजेपी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है.
BJP-Congress Income Through Electoral Bonds: आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक दलों को चुनावी बांड के जरिए भर-भर कर चंदा मिल रहा है. इस मामले में बीजेपी टॉप पर है. पिछले एक साल में पार्टी को चंदे के रूप में करीब 1300 करोड़ रुपये का लाभ मिला है. जो कि कांग्रेस की तुलना में 7 गुणा अधिक है. वर्ष 2022-23 में चुनावी बांड के जरिए भाजपा को कुल 1294 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है. वहीं, कांग्रेस की बात करें तो साल 2022-23 में सिर्फ 171 करोड़ रुपये चंदा के रूप में मिले हैं.
देश के बड़े-बड़े उद्योग और कंपनियों द्वारा बीजेपी को चंदे के रूप में काफी पैसा दिया जा रहा हैं. भारतीय चुनाव आयोग को सौंपी गई पार्टी की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में बीजेपी को कुल 2120 करोड़ प्राप्त हुए, जिसमें से चुनावी बांड से 61 प्रतिशत पैसे मिले हैं, जो 1294 करोड़ रुपये हैं. ये पैसे कांग्रेस की तुलना में सात गुणा अधिक है.
चुनावी बांड से बीजेपी को मिले सबसे ज्यादा पैसा
वित्त वर्ष 2021-22 में की बात करें तो इस वर्ष के दौरान बीजेपी का कुल योगदान 1775 करोड़ रुपये था. वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में पार्टी की कुल आय 2360.8 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 1917 करोड़ रुपये थी. दूसरी ओर चुनावी बांड से पैसे अर्जित करने के मामले में कांग्रेस, बीजेपी से काफी पीछे है. कांग्रेस ने वर्ष 2022-23 में चुनावी बांड से 171 करोड़ रुपये मिले. जोकि वित्त वर्ष 2021-22 में 236 करोड़ रुपये थी.
ब्याज से बीजेपी को हुई करोड़ों की कमाई
बीजेपी ने पिछले वित्त वर्ष में ब्याज से 237 करोड़ रुपये कमाई की और 2021-22 में ब्याज से 135 करोड़ रुपये मिले थे. भाजपा ने 2022-23 में चुनाव-प्रचार पर अपने कुल खर्च में से विमान और हेलीकॉप्टरों के उपयोग के लिए 78.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसके अलावा भाजपा ने उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता के रूप में 76.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया.
2022-23 में सपा को नहीं मिला बांड्स
क्षेत्रीय दलों की बात करें तो समाजवादी पार्टी को 2021-22 में मात्र 3.2 करोड़ रुपये मिले. वहीं पिछले साल 2022-23 में समाजवादी पार्टी को बांड्स से कोई योगदान नहीं मिला. टीडीपी को 2022-23 में चुनावी बांड के जरिए 34 करोड़ रुपये मिले हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 10 गुना ज्यादा है.