विमानों में बम की धमकी: नया आरोपी पकड़ा गया, जांच हुई तेज, जानें क्या है पूरा मामला?
विमानों में बम की धमकी का मामला: एक नया आरोपी पकड़ा गया है जो आतंकवाद पर किताबें लिख चुका है. पिछले दो हफ्तों में 400 से ज्यादा फ्लाइट्स को धमकी दी गई है, जिससे एयरलाइंस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है. जानें इस मामले के पीछे की पूरी कहानी और कैसे इन धमकियों ने सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है!
Bomb Threat On Planes: नागपुर में विमानों को बम की धमकी देने के मामले में एक और आरोपी की पहचान की गई है. आरोपी का नाम जगदीश उइके है, जो 35 साल का है और महाराष्ट्र के गोंदिया का रहने वाला है. दिलचस्प बात यह है कि वह आतंकवाद पर किताब भी लिख चुका है. नागपुर पुलिस के अनुसार, आरोपी को ट्रेस करने के लिए फर्जी ईमेल की खोज की गई थी लेकिन वह अभी फरार है. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए विशेष टीमें बनाई हैं.
पिछले दो हफ्तों में 400 से ज्यादा विमानों को धमकी दी गई है. इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 अक्टूबर को शुभम उपाध्याय नाम के 25 साल के युवक को गिरफ्तार किया, जिसने IGI एयरपोर्ट पर बम की झूठी धमकी दी थी. शुभम ने ऐसा केवल फेमस होने के लिए किया था. इसी तरह, छत्तीसगढ़ से एक नाबालिग को भी गिरफ्तार किया गया था जिसने अपने दोस्त को फंसाने के लिए झूठी धमकी दी थी.
जगदीश का ईमेल धमकी
नागपुर पुलिस ने बताया कि जगदीश ने कई सरकारी कार्यालयों को ईमेल भेजे थे, जिसमें उसने कहा कि उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका चाहिए. उसने धमकी दी कि यदि उसे यह मौका नहीं मिला तो वह विरोध करेगा. उसने रेल मंत्री को भी ईमेल भेजा था, जिसमें उसने गुप्त आतंकी कोड के बारे में जानकारी देने की इच्छा जताई थी.
आर्थिक नुकसान का आकलन
इन फर्जी बम धमकियों के कारण एयरलाइंस कंपनियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स में बम की धमकी से एयरलाइंस को 1200 से 1400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इमरजेंसी लैंडिंग के कारण यात्रियों को रुकने और खाने की व्यवस्था करने में भी भारी खर्च आता है.
केंद्र सरकार की सख्ती
केंद्र सरकार ने इन धमकियों पर सख्त रुख अपनाया है. आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है कि यदि वे ऐसी झूठी सूचनाओं को तुरंत नहीं हटाते हैं, तो उन्हें मिलने वाली कानूनी इम्युनिटी रद्द कर दी जाएगी.
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग नकारात्मक तरीके से ध्यान आकर्षित करने के लिए समाज के सुरक्षित माहौल को खतरे में डाल रहे हैं. नागपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में तेजी से कार्य कर रही हैं, लेकिन समाज को भी ऐसे खतरों के प्रति सजग रहना होगा. अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस जगदीश उइके को पकड़ने में कितनी सफल होती है.