हेमंत सोरेन का चौथा कार्यकाल आसान नहीं रहने वाला है. चुनाव में किए गए वादे तो उनका पीछा करेंगे ही. साथ ही राज्य की वित्तीय हालत से भी उन्हें जूझना पड़ सकता है. चुनाव से पहले JMM ने कई बड़े चुनावी वादे किए थे.अपने वादे में जेएमएम ने मैया योजना के तहत 2500 रुपये महीना देने का ऐलान किया था. साथ ही घोषणापत्र में बुजुर्गों के लिए पेंशन, विकलांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाकर 2500 रुपये महीने की गई था.
चुनाव से पहले वादें और अब चुनौतियां
हेमंत और उनकी कैबिनेट के लिए चुनाव से पहले किए वादों के बाद अब उसे पूरा करने की चुनौती होगी. मौजूदा मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना के तहत राज्य की करीब 50 लाख महिला लाभार्थियों को 2500 रुपये देने का वादा किया था. शपथ लेने के साथ ही पहली कैबिनेट में ही इसको लेकर बड़ा फैसला लेना होगा.
चुनाव से पहले आबकारी कांस्टेबल पद के उम्मीदवारों की मौत के मामले में विपक्ष ने सोरेन सरकार को घेरा था, लेकिन अब वह इन पदों पर करीब 600 रिक्तियों की भर्ती पूरी करना चाहेगी.
450 रुपये में देना होगा LPG सिलेंडर
सभी की नजर अगली सरकार पर भी होंगी कि वह 450 रुपये में घरों को घरेलू LPG सिलेंडर उपलब्ध कराने के भारतीय ब्लॉक के वादे को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है. इसके अलावा सरकार पर धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 3,200 रुपये प्रति क्विंटल और अन्य फसलों के लिए मौजूदा मूल्य से 50% बढ़ाने का दबाव भी होगा.
आरक्षण और नौकरियां
हेमंत सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने चुनावी वादे के मुताबिक, ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण को बढ़ाना और अगले पांच सालों में 10 लाख नौकरियां पैदा करना होगा. इसके अलावा पिछड़ों को 27%, आदिवासियों को 28 % और दलितों को 12 % आरक्षण दिया जाएगा.
JMM ने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में हर गरीब परिवार के खाते में 1-1 लाख रुपये भेजने का वादा किया था, जिसे सरकार को पूरा करना पड़ेगा. राज्य के सभी गरीब व्यक्ति को हर महीने 7 किग्रा चावल और दो किग्रा दाल उपलब्ध कराया जाएगा.
जीडीपी के मामले में 25वें स्थान पर है झारखंड
झारखंड देश के 28 राज्यों की लिस्ट में अभी 25वें स्थान पर है. देश की जीडीपी में झारखंड का योगदान दो फीसदी से भी कम है. झारखंड के बजट 2024 के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 4,70,104 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. ऐसे में झारखंड के आर्थिक हालात को देखते हुए हेमंत सोरेन की होने वाली सरकार के पास लाख चुनौतियां होंगी. First Updated : Thursday, 28 November 2024