End of year 2024: साल 2024 का आज आखिरी दिन है. यह साल सभी को कुछ न कुछ यादे देकर जा रहा है. यह साल खेल जगत से लेकर मनोरंजन जगत और भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ है. यह साल भारतीय सशस्त्र बलों, सेना, नौसेना और वायु सेना - के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा, जिसमें कई अहम उपलब्धियां हासिल की है.
इन उपलब्धियों ने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता को और मजबूत किया और उन्हें एक नई दिशा दी. इस वर्ष के दौरान कई प्रमुख हथियारों और प्रणालियों को शामिल किया गया, जो सेना की सुरक्षा और समग्र सामरिक ताकत को बढ़ाने में सहायक रहे. आइए जानते हैं 2024 में हासिल की गई कुछ प्रमुख उपलब्धियों के बारे में.
2025 में, भारत-चीन सीमा, विशेष रूप से पूर्वी लद्दाख (LAC) क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी रहेगी. हालांकि सैनिकों की वापसी हुई है, फिर भी सीमा पर तनाव और घुसपैठ के खतरे बने रहेंगे. चीन और भारत के बीच सीमा विवाद और दोनों देशों के बीच बढ़ते तनावों के कारण एलएसी पर हाई अलर्ट की स्थिति बनी रहेगी. भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए विशेष रणनीतियाँ अपनानी होंगी.
भारत 2025 में फ्रांस से राफेल मरीन लड़ाकू विमानों और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है. ये सौदे भारतीय नौसेना और वायु सेना की ताकत को बढ़ाने में मदद करेंगे. हालांकि, फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता और वर्तमान संकट के कारण इन सौदों में देरी हो सकती है, जिससे भारतीय सेना की योजना पर असर पड़ सकता है.
भारत अपनी नौसेना के लिए उन्नत पनडुब्बियां हासिल करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन प्रोजेक्ट 75 (भारत) या पी-75 (आई) पर काम धीमा हो सकता है. यह प्रोजेक्ट एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक वाली पनडुब्बियाँ विकसित करने का है, जो दुश्मन के लिए पकड़ने में कठिनाई होती हैं. हालांकि, जर्मनी और स्पेन की कंपनियों से उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई हैं, जिससे यह प्रोजेक्ट 2025 में अधर में लटका हुआ है.
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग महत्वपूर्ण बना हुआ है, विशेष रूप से रूस से हथियारों की खरीद के मामले में. हालांकि, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारतीय सेना को रूस से हथियार खरीदने में कठिनाइयां आ सकती हैं. अमेरिका भारत को रूस से दूर करने के लिए दबाव बना सकता है, जिससे रक्षा सौदों में देरी हो सकती है. भारत को इन दबावों का सामना करते हुए अपने रक्षा संबंधों को संतुलित रखना होगा.
भारत को अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक संयुक्त सैन्य संरचना की आवश्यकता महसूस हो रही है. विशेष रूप से भारत की उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर खतरे बढ़ रहे हैं, जिससे दो मोर्चों पर युद्ध की संभावना बनी हुई है. इस स्थिति में, भारतीय सशस्त्र बलों के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक संयुक्त थिएटर कमांड की जरूरत महसूस हो रही है. हालांकि, यह कदम सशस्त्र बलों के भीतर मतभेद पैदा कर सकता है, क्योंकि इसमें सभी सैन्य शाखाओं के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी.
2025 में भारतीय सशस्त्र बलों के सामने इन चुनौतियों का सामना करना होगा. इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत को अपनी रणनीतियों और सैन्य योजनाओं में बदलाव करने होंगे. यह समय की मांग है कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय दबावों से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाए. First Updated : Tuesday, 31 December 2024