ब्रैम्पटन मंदिर हमला: दिल्ली में कनाडाई दूतावास के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन-VIDEO

Brampton temple attack: नई दिल्ली में रविवार को कनाडाई उच्चायोग के बाहर हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के सदस्यों ने कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हुए हालिया हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ था.

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Brampton temple attack: रविवार को नई दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग के बाहर हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के सदस्यों ने कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हुए हालिया हमलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली पुलिस ने 3 मूर्ति मार्ग पर सुरक्षा बढ़ा दी और प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. यह प्रदर्शन कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ था.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 3 नवंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तानी चरमपंथियों ने महिलाओं और बच्चों समेत हिंदू श्रद्धालुओं पर लाठियों से हमला किया था. इस हमले की दुनिया भर के नेताओं ने निंदा की है.  यह घटना हिंदू और सिख समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंताएं उत्पन्न करने का काम कर रही हैं. 

हिंदू-सिख ग्लोबल फोरम का विरोध प्रदर्शन

हिंदू सिख ग्लोबल फोरम, जो हिंदू और सिख समुदायों का प्रतिनिधित्व करता है, उसने इन हमलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इस मार्च का आयोजन किया. संगठन के अध्यक्ष, तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा कि ऐसे हमले हिंदू और सिख समुदायों को निशाना बनाकर किए जा रहे हैं, जो इस तरह की हिंसा का शिकार हो रहे हैं.

'आतंकवाद और समुदाय की एकता पर हमला'

हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के अध्यक्ष, तरविंदर सिंह मारवाह ने एएनआई से बातचीत में कहा कि आतंकवाद के दौरान एक पूरी पीढ़ी का जीवन बर्बाद हो गया. या  तो वे मारे गए या फिर दूसरे देशों में चले गए.' उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय से लेकर अब तक, खालिस्तानी तत्वों ने युवा पीढ़ी को ड्रग्स की लत लगाई और समुदाय की एकता को तोड़ने के लिए जबरन धर्म परिवर्तन का प्रयास भी किया है. 

मारवाह ने आगे कहा, 'अब यह नया तरीका सामने आया है, जिसमें हमारे मंदिरों पर हमला किया जा रहा है. यह पूरी तरह से गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है.' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य यह संदेश देना था कि उनका समुदाय एकजुट है और ऐसे हमलों को सहन नहीं किया जाएगा. 

खालिस्तानी समर्थकों को जवाब

मारवाह ने कहा, 'हम यह बताने आए हैं कि हम सब एक साथ हैं.  एक सच्चा सिख कभी खालिस्तानी नहीं हो सकता. अगर वे अलग राष्ट्र की बात करते हैं, तो उन्हें इसे अपने तक ही सीमित रखना चाहिए. हम भारत के नागरिक हैं और हमारा तिरंगा और हमारे देश का हर समय सम्मान होना चाहिए.' उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत के सिख भारत के साथ खड़े हैं और खालिस्तान का समर्थन नहीं करते. 

भारत-कनाडा के बीच बढ़ता कूटनीतिक तनाव

यह प्रदर्शन उस समय हो रहा है जब भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. हालांकि, भारत ने इस आरोप को नकारते हुए इसे 'बेतुका' और बनावटी करार दिया है.

हाल ही में, कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को इस मामले में 'इंटरेस्ट ऑफ पर्सन' के रूप में नामित किया था.  इसके बाद भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए इन राजनयिकों को वापस बुला लिया.  First Updated : Sunday, 10 November 2024