आसान काम नहीं है मेहुल चोकसी को भारत लाना, प्रत्यर्पण से बचने के लिए उठा सकता है ये कदम
मेहुल चोकसी के खिलाफ मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक हरिप्रसाद ने कहा कि प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं होगा, क्योंकि आरोपी व्यवसायी के पास वकीलों का एक बेड़ा है, जिन्होंने उसे पहले भी कानून से बचने का मौका दिया था. हरिप्रसाद ने कहा कि प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है. चोकसी की जेब भरी हुई है और वह इस प्रक्रिया से बचने के लिए यूरोप के सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा, जैसा कि विजय माल्या कर रहा है.

पीएनबी घोटाले में वांछित भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारी बेल्जियम जाएंगे. हालांकि, भगोड़े हीरा व्यापारी को प्रत्यर्पित करना एक कठिन काम साबित हो सकता है. 65 वर्षीय चोकसी को भारत में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2018 से वांछित है.
प्रत्यर्पण में कितना समय लगेगा?
मेहुल चोकसी के खिलाफ मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक हरिप्रसाद ने कहा कि प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं होगा, क्योंकि आरोपी व्यवसायी के पास वकीलों का एक बेड़ा है, जिन्होंने उसे पहले भी कानून से बचने का मौका दिया था.
हरिप्रसाद ने कहा कि प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है. चोकसी की जेब भरी हुई है और वह इस प्रक्रिया से बचने के लिए यूरोप के सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा, जैसा कि विजय माल्या कर रहा है. मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए उसे वापस लाना आसान होगा. उन्होंने कहा कि जब वह एंटीगुआ (डोमिनिका) और अन्य द्वीपों में पकड़ा गया था, तो वह वहां से भागने में सफल रहा, क्योंकि उसके पास वकीलों का एक बेड़ा था. लेकिन मैं कामना करता हूं और उम्मीद करता हूं कि इस बार भारत सरकार सफल होगी."
अदालत में चुनौती देने का अधिकार
पूर्व राजनयिक केपी फेबियन ने कहा कि भारत प्रत्यर्पण का अनुरोध कर सकता है, लेकिन इसका फैसला बेल्जियम सरकार के हाथ में है. उन्होंने यह भी कहा कि चोकसी को प्रत्यर्पण को चुनौती देने का पूरा अधिकार है और वह अदालत में अपील कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर यह हो पाया तो बहुत अच्छा होगा, लेकिन राणा, हमें इसमें कितने साल लगे? 26/11 कब हुआ, 2008 में और हम उसे 2025 में पकड़ पाए. इसलिए, इन सभी प्रत्यर्पण कार्यवाहियों में समय लगेगा. लेकिन इसमें बाधाएं भी आ सकती हैं."
भारत चाहता है चोकसी का प्रत्यर्पण
फैबियन ने कहा कि चोकसी के लिए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस 2023 में वापस ले लिया गया है, संभवतः इसलिए क्योंकि यह काम नहीं कर रहा था. उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि उसका प्रत्यर्पण हो और बेल्जियम को यह निर्णय लेना है. बेल्जियम के आंतरिक मामले और विदेशी मामले भी यह निर्णय लेते हैं. चोकसी के पास बेल्जियम की अदालत में जाने का विकल्प है और फिर इस मामले में पक्ष और विपक्ष में बहस हो सकती है.
फैबियन ने कहा कि हम इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते कि कल या परसों बेल्जियम उसे प्रत्यर्पित कर देगा, क्योंकि एक कानूनी प्रक्रिया है, भले ही बेल्जियम सरकार फैसला करे, वह अदालत जा सकता है. इसलिए, इस समय हम नहीं कह सकते कि उसे प्रत्यर्पित किया जाएगा या नहीं, लेकिन जाहिर है कि हमें उसे पाने के लिए जितना आवश्यक हो, उतना प्रयास करना चाहिए.