गुरुवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के अशोक होटल में आयोजित वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन (Global Buddhist Summit) का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारती की परंपरा है अतिथि देवो भव: यानी हमारे लिए अतिथि देवता (भगवान) के समान है। उन्होंने कहा कि लेकिन भगवान बुद्ध के विचारों को जीने वाले इतने व्यक्तित्व जब हमारे सामने हों तो साक्षात बुद्ध की उपस्थिति का एहसास होता है।
पीएम मोदी ने बौद्ध शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़ कर एक बोध हैं, बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं, बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं और बुद्ध की ये चेतना चिरंतर है निरंतर है। यह सोच शाश्वत है, ये बोध अविस्मरणीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आज अमृतकाल में भारत के पास अपने भविष्य के लिए विशाल लक्ष्य भी हैं और वैश्विक कल्याण के नए संकल्प भी हैं”। पीएम मोदी ने कहा “आज भारत ने कई मुद्दों पर विश्व में नई पहल की हैं और इसमें हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा भगवान बुद्ध हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत किसी भी संकट की घड़ी में मानवता दिखाता है और दूसरे देशों की हर संभव सहायता करता है। फिर चाहे वो दुनिया में अलग-अलग देशों में शांति मिशन हो या फिर तुर्की के भूकंप जैसी आपदा हो, भारत अपना पूरा सामर्थ्य लगाकर हर संकट के समय मानवता के साथ खड़ा होता है, 'मम भाव' से खड़ा होता है।
उन्होंने आगे कहा कि आज हम सबको मैं से निकल कर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और इसके लिए बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है। पीएम मोदी ने कहा कि आज ये समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो। First Updated : Thursday, 20 April 2023