Budget 2024: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा के समझौता पर वित्त मंत्री ने क्यों कहा - ये गेम चेंजर होगा? जानिए पूरा मामला
Budget 2024: जी 20 सम्मेलन के दौरान भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा के समझौता पर कई देशों ने हस्ताक्षर किया था. इस बात की घोषणा पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान की थी वहीं आज बजट पेश करने के दौरान इसी प्रोजेक्ट के बारे में वित्त मंत्रालय ने जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि, ये गेम चेंजर साबित होगा.
Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार 1 फरवरी को छठी बार देश का बजट पेश किया है. यह अंतरिम बजट है, वहीं लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी. इस बजट को पेश करने के दौरान वित्त मंत्रालय ने कई बड़े ऐलान किए हैं. साथ ही उन्होंने सरकार की उपलब्धियों के बारे में जिक्र किया है. बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्रालय ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा के समझौते का जिक्र भी किया है. उन्होंने इस समझौते को गेम चेंजर बताया है. तो चलिए इस प्रोजेक्ट के बारे में जानते हैं.
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा क्या है-
पिछले साल यानी 2023 में भारत में जी 20 सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस समझौते की तारीफ की थी और खुशी भी जताई थी.
आर्थिक गलियारे में कौन-कौन सा देश हैं शामिल-
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा में भारत के अलावा संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं. इन सभी देशों ने जी 20 सम्मेलन के दौरान समझौते पर अपनी सहमति जताई थी और हस्ताक्षर भी किए थे.
इस प्रोजेक्ट से क्या लाभ होगा-
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे में 2 अलग-अलग गलियारे होंगे जिसमें पूर्वी गलियारा भारत को पश्चिमी एशिया/ मध्य पूर्व से जोड़ेगा. वहीं उत्तरी गलियारा पश्चिम एशिया/ मध्य पूर्व को यूरोप से जुड़ेगा. इस प्रोजेक्ट के तहत रेलमार्ग, शिप से लेकर रेल नेटवर्क स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में कई बंदरगाह को भी जोड़ने की तैयारी है. भारत में मुद्रा और कांडला पोर्ट (गुजरात) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (नवी मुंबई) को जोड़ा जाएगा. इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात में फुजैरा, जेबेल अली और अबू धाबी के साथ-साथ सऊदी अरब में दम्मम तथा रास अल खैर बंदरगाह जुड़ेंगे. साथ ही रेलवे लाइन के जरिए फुजैरा बंदरगाह को सऊदी अरब और जॉर्डन से इजरायल के हाइफा बंदरगाह को जोड़ा जाएगा, जबकि, यूरोप के ग्रीस में पीरियस पोर्ट, दक्षिण इटली के मेसिना और फ्रांस में मार्सिले पोर्ट जोड़ा जाएगा.
इस प्रोजेक्ट से चीन को हो सकता है नुकसान-
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा के समझौते से चीन को बड़ा नुकसान हो सकता है. दरअसल, ये प्रोजेक्ट चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को मात दे सकती है. चीन अपने प्रोजेक्ट पर सालों से मेहनत कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत चीन कई देशों को अपनी अर्थव्यवस्था से जोड़ने की कोशिश में लगा हुआ है.