फतेहपुर में 180 साल पुरानी नूरी मस्जिद पर चला बुलडोजर, नोटिस के बाद हुआ एक्शन
फतेहपुर की 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर बड़ी कार्रवाई की गई है. मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराया गया है. मस्जिद कमेटी को बीते अगस्त महीने में नोटिस दिया गया था, लेकिन जब कमेटी की ओर से अवैध निर्माण नहीं हटाया गया तो प्रशासन ने एक्शन लिया है
फतेहपुर की 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद का अवैध हिस्सा बुलडोजर से गिरा दिया गया है. ये हिस्सा रोड की जद में आ रहा था. दरअसल, एक महीने पहले ही PWD ने मस्जिद प्रबंधन को अवैध कब्जा गिराने का नोटिस दिया था. मस्जिद कमेटी अवैध ढांचा गिराने के खिलाफ नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी. लेकिन PWD को नोटिस पर कोई स्टे नहीं मिला और मंगलवार को ये कार्रवाई की गई. ध्वस्तीकरण के दौरान पुलिस के साथ आरएएफ और अर्धसैनिक बल तैनात था. मौके पर कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बरकरार है.
अगस्त महीने में दिया गया था नोटिस
इस अतिक्रमण को हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से 17 अगस्त को नोटिस दिया गया था. इसके बाद 24 सितंबर को ललौली कस्बे में स्थित अवैध निर्माण को हटाने का अभियान चलाया था. उस समय मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा समय लिया गया था कि वो अवैध निर्माण को ढहा देंगे, लेकिन उनके द्वारा अवैध निर्माण न हटाए जाने पर जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त टीम द्वारा ये कार्रवाई की गई है.
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
फतेहपुर की नूरी मस्जिद के ध्वस्तीकरण पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मस्जिद का ध्वस्तीकरण करना इंसाफ के खिलाफ है. उन्होंने सरकार से मांग की कि जब सुप्रीम कोर्ट ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा चुका है तो फिर यह मस्जिद के ऊपर बुलडोजर कार्रवाई क्यों की जा रही है.
बुलडोजर कार्रवाई की उन्होंने अन्याय का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह मुसलमान के ऊपर जुल्म है, जिस पर रोक लगना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने हमें धार्मिकता की आजादी दी है और यह उसका आनंद है. उन्होंने कहा की मस्जिद के दोस्ती कारण को लेकर देश और प्रदेश का माहौल बिगाड़ सकता है इसलिए इस कार्रवाई पर तत्काल रोक लगनी चाहिए.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती
पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिले के ललौली थाना क्षेत्र के कस्बा स्थित नूरी जामा मस्जिद करीब 180 साल पुरानी है. ये मस्जिद कस्बे से गुजरी बांदा-बहराइच हाईवे पर है. इस सड़क चौड़ीकरण का निर्माण कार्य होना है. मस्जिद का कुछ भाग अतिक्रमण के दायरे में आ रहा है. सड़क चौड़ीकरण को लेकर शासन ने इमारत को ध्वस्त करने का आदेश दिया है.
नूरी जामा मस्जिद के इंतजामिया कमेटी की तरफ से एडवोकेट सैयद अजीम उद्दीन ने धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक केंद्र का हवाला देते हुए ध्वस्तीकरण के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है. मस्जिद कमेटी का तर्क है कि इस ऐतिहासिक संरचना को नष्ट करना अनुचित है और यह सांस्कृतिक विरासत को हानि पहुंचाने वाला कदम होगा. हालांकि, केस टेकअप नहीं हो पाने की वजह से बीते 6 दिसंबर को होने वाली सुनवाई टाल दी गई.