जले हुए नोट, कमरे में कालिख...सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक की जस्टिस वर्मा के घर से मिली नकदी की रिपोर्ट
सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के संबंध में कॉलेजियम के सदस्यों जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ से सलाह करके रिपोर्ट सार्वजनिक की. जस्टिस वर्मा ने पुलिस प्रमुख द्वारा साझा किए गए वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि मैं वीडियो की सामग्री को देखकर पूरी तरह से हैरान रह गया, क्योंकि उसमें कुछ ऐसा दिखाया गया था जो मौके पर नहीं मिला था

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय द्वारा हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित रूप से नकदी मिलने के मामले में प्रस्तुत रिपोर्ट को सर्वोच्च अदालत की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है, जो पारदर्शिता के हित में शीर्ष अदालत द्वारा उठाया गया एक अभूतपूर्व कदम है. रिपोर्ट में आरोपों पर जस्टिस वर्मा के जवाब और मामले से जुड़े दस्तावेज भी शामिल हैं.
सीजेआई ने ली कॉलिजियम की राय
रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के संबंध में कॉलेजियम के सदस्यों जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ से सलाह करके अदालत की बेदाग विरासत को बरकरार रखा और वे सभी पारदर्शिता के लिए और मामले के बारे में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं को समाप्त करने के लिए दस्तावेज को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करने पर सहमत हुए.
फंसाने और बदनाम करने की साजिश
जस्टिस वर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया है कि उनके घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई. जस्टिस वर्मा ने पुलिस प्रमुख द्वारा साझा किए गए वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि मैं वीडियो की सामग्री को देखकर पूरी तरह से हैरान रह गया, क्योंकि उसमें कुछ ऐसा दिखाया गया था जो मौके पर नहीं मिला था, जैसा कि मैंने देखा था. इसी बात ने मुझे यह देखने के लिए प्रेरित किया कि यह स्पष्ट रूप से मुझे फंसाने और बदनाम करने की साजिश नजर आ रही है.
कहां थे जस्टिस वर्मा?
गोपनीयता बनाए रखने के लिए दस्तावेजों के कुछ हिस्सों को नाम सहित हटा दिया गया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को सौंपी गई रिपोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जस्टिस वर्मा मुझे यह भी बताया कि घटना के समय वे भोपाल में थे और उन्हें यह जानकारी उनकी बेटी से मिली. जस्टिस वर्मा ने मुझे आगे बताया कि इस समय कमरे में काला जला हुआ पदार्थ कालिख पड़ा हुआ है. इसके बाद मैंने उन्हें अपने व्हाट्सएप पर तस्वीरें और वीडियो दिखाए जो पुलिस आयुक्त ने मेरे साथ साझा किए थे. इसके बाद जस्टिस वर्मा अपने खिलाफ किसी साजिश की आशंका जताई.
सर्वोच्च अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि 21 मार्च को भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के साथ तीन प्रश्न साझा किए थे, जो न्यायमूर्ति वर्मा से पूछे जा सकते हैं.
सीजेआई ने मांगा तीन सवालों का जवाब
वह अपने परिसर में स्थित कमरे में पैसे/नकदी की मौजूदगी का हिसाब कैसे देता है? उस कमरे में मिले पैसे/नकदी के स्रोत के बारे में बताएं. वह व्यक्ति कौन है जिसने 15 मार्च 2025 की सुबह कमरे से जले हुए पैसे/नकदी को निकाला था?
सीजेआई खन्ना ने पिछले छह महीनों में जस्टिस वर्मा के घर पर तैनात हाईकोर्ट रजिस्ट्री के आधिकारिक कर्मचारियों, निजी सुरक्षा अधिकारियों और सुरक्षा गार्डों का विवरण मांगा. उन्होंने पिछले छह महीनों के दौरान जस्टिस वर्मा के आधिकारिक या अन्य मोबाइल फोन नंबरों के कॉल रिकॉर्ड विवरण देने के लिए मोबाइल सेवा प्रदाता से संपर्क करने का सुझाव दिया.
मोबाइल रिकॉर्ड सेव करने का दिया निर्देश
सीजेआई संजीव खन्ना ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ को लिखित संदेश में कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा से अनुरोध किया जाता है कि वे अपने मोबाइल फोन को गायब न करें, न ही अपने मोबाइल फोन से कोई बातचीत, संदेश या डेटा हटाएं. जस्टिस यशवंत वर्मा द्वारा प्रस्तुत उत्तर, आपकी टिप्पणियों के साथ आगे की कार्रवाई के लिए मुझे तुरंत उपलब्ध कराया जाए.