North East Express Train Accident: दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन से चलकर कमख्या जंक्शन को जाने वाली 12506 नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. यह हादसा बुधवार, (11 अक्टूबर) को बिहार के बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास हुआ. इस दुर्घटना में चार यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि और 30 से अधिक के घायल होने की जानकारी गुरुवार (12 अक्टूबर) दोपहर तक स्पष्ट हो चुकी है. इस घटना की जांच की जिम्मेदारी रेलवे ने सेफ्टी कमिश्नर को सौंप दी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेन का नौवां कोच (एम-2), 11वां (बी-7), 16वां (बी-4) और 15वां (बी-5) कोच ट्रेन की मूविंग स्थिति में ही पटरी से उतर गए थे. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त को जांच सौंप दिया गया है.
पीएम मोदी ने शोक जाहिर किया
बुधवार की रात हुई इस दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पीएम नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक जाहिर किया है. गुरुवार को रेल मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ' रेल दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को हुई अपूरणीय क्षति के लिए गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. इस हादसे के मूल कारणों का पता लगाएंगे.'
क्या है रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की जांच
बता दें कि भारतीय रेलवे में हर एक हादसे के बाद मंत्रालय की तरफ से कमिश्नर या चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी से जांच करवाई जाती है. इस जांच का मुख्य मकसद दुर्घटनाओं के सही कारणों को सामने लाने का होता है ताकि जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सके. रेलवे में जान या माल या दोनों के नुकसान का जो मामला सीआरएस की जांच के लायक पाया जाता है, उसकी जांच कराई जाती है.
वहीं अगर किसी हादसे या गंभीर घटना की जांच रेलवे सेफ्टी कमिश्नर से संभव न हो तो इस केस में रेलवे के उच्च अधिकारियों की समिति से भी कराई जाती है. यह भविष्य में रेलवे परिचालन सुरक्षित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है. First Updated : Thursday, 12 October 2023