Cable Operator : सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 में किया बदलाव, अब नियम न मामने पर नहीं जाना पड़ेगा जेल
Cable Television Law : सूचना प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 में संशोधन किया है. इस संबंध में मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना भी जारी की गई.
Cable TV Network Act, 1995 : भारत सरकार जनता के हित में हमेशा नए-नए फैसले लेती है. जिससे लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो. अब सरकार ने देश भर के केबल ऑपरेटर्स को बड़ी राहत दी है. दरअसल गुरुवार 5 अक्टूबर को सूचना प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 में संशोधन किया है. इस संबंध में मंत्रालय की ओर से एक अधिसूचना भी जारी की गई. जिसमें मंत्रालय ने कहा कि केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियम 1995 की धारा 16 के तहत आपराधिक प्रावधानों को हटा दिया गया है.
मंत्रालय ने दी जानकारी
अधिसूचना में मंत्रालय ने बताया कि बदलाव के जरिए कठोर दंड का सहारा लिए बिना ही छोटे और अनपेक्षित नियमों के उल्लंघनों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी. साथ ही नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा. आपको बता दें कि केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियम 1995 की धारा 16 में पहली बार नियम तोड़ने पर 2 साल की जेल ता प्रावधान था, जिसे बाद में 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता था. लेकिन संशोधन के बाद इसे जुर्माना, सलाह, चेतावनी और निंदा में बदला गया है. इसके जल्द ही अधिकारियों के जरिए लागू किया जाएगा.
इस काननू में भी हुआ था संशोधन
हाल ही में सूचना प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1994 में भी बदलाव किए थे. जिसके बाद मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों के लिए रजिस्ट्रेशन अब 10 साल की अवधि के लिए शुरू होगा. इसकी खास बात यह है कि पंजीकरण में ब्रॉडबैंड कंपनियां भी शामिल हो पाएंगी. जानकारी के अनुसार देश में लगभग 115 केबल टीवी ऑपरेटर हैं. इस एक्ट ने पहले ब्रॉडबैंड व टेलीकॉम कंपनियों को साथ ही समझौता करने की इजाजत नहीं दी जाती थी.