केजरीवाल का आपको अस्थायी CM कहना मुझे दुख पहुंचाता है': दिल्ली के उपराज्यपाल ने आतिशी से कहा
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी को "अस्थायी मुख्यमंत्री" कहा था। सक्सेना ने इसे न केवल आतिशी का बल्कि राष्ट्रपति का अपमान भी बताया। उन्होंने आतिशी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि उनके पूर्ववर्ती के मुकाबले वह बहुत बेहतर काम कर रही हैं। आखिर क्यों केजरीवाल ने ऐसी टिप्पणी की और इस पर सक्सेना की प्रतिक्रिया क्या है? जानने के लिए पूरी खबर पढ़ें!
Delhi: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की एक टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया है, जिसमें उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को "अस्थायी-अस्थायी मुख्यमंत्री" कहा था। इस टिप्पणी पर सक्सेना ने कहा कि यह न केवल मुख्यमंत्री आतिशी के लिए अपमानजनक था, बल्कि भारत के राष्ट्रपति का भी अपमान किया गया था, जिन्होंने आतिशी को मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।
केजरीवाल की टिप्पणी से बढ़ा विवाद
सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे गए पत्र में यह स्पष्ट किया कि वह केजरीवाल की टिप्पणी से बहुत दुखी और आहत हैं। उन्होंने कहा कि "अस्थायी मुख्यमंत्री" जैसे शब्दों का प्रयोग पूरी तरह से गलत था और इससे संविधान की लोकतांत्रिक भावना और मूल्यों का उल्लंघन हुआ है। उपराज्यपाल ने यह भी कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी से भारत के राष्ट्रपति, जिन्होंने मुख्यमंत्री को नियुक्त किया, और खुद उनके द्वारा शपथ दिलाने के बाद उनका भी अपमान हुआ है।
सीएम आतिशी की प्रशंसा में लिखा पत्र
अपने पत्र में उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी ने कई विभागों का कार्यभार संभाला और प्रशासन के विभिन्न मुद्दों पर गंभीरता से काम किया। इसके विपरीत, उनके पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने न तो किसी विभाग का प्रभार लिया और न ही किसी फाइल पर हस्ताक्षर किए। सक्सेना ने यह भी बताया कि जब आतिशी ने शपथ ली थी, तब उन्होंने उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दी थीं और तब से अब तक उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में काम करते हुए देखा है।
तीखा टकराव और विवाद का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के बीच मतभेद हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में, प्रशासनिक और कानूनी मुद्दों पर दोनों के बीच कई बार तीखा टकराव हो चुका है। इसके बावजूद, सक्सेना ने मुख्यमंत्री आतिशी को उनके कार्यों के लिए "हजारों गुना बेहतर" बताया है, और उनके काम की सराहना की है।
इस विवाद के बाद अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि आगे दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच संबंध कैसे रहते हैं। क्या इस विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच कोई संवाद स्थापित हो पाएगा या यह टकराव और गहरा जाएगा?
आखिर क्या था इस विवाद का कारण?
इस पूरी घटना के केंद्र में केजरीवाल की टिप्पणी है, जो उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी के बारे में की थी। इस टिप्पणी ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, बल्कि यह सवाल भी उठाया कि क्या इस तरह की टिप्पणियां देश के संवैधानिक पदों का सम्मान करने की बजाय उन्हें घटित करने वाली राजनीति का हिस्सा बन गई हैं? उपराज्यपाल ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है, और इसे लेकर प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई है।
अंत में यह साफ है कि दिल्ली के राजनेताओं और अधिकारियों के बीच इस तरह के विवाद सार्वजनिक रूप से चर्चा का विषय बन चुके हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस विवाद का समाधान किस तरह से निकाला जाता है और इससे दिल्ली के प्रशासनिक माहौल पर क्या असर पड़ेगा।