क्या पीएम मोदी के काफिले में शामिल हो सकती है किसी मंत्री की कार? जानें क्या है जवाब
प्रधामंत्री देश के प्रमुख होते हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा भी बेहद कड़ी रखी जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रधानमंत्री के काफिले में किसी मंत्री की कार शामिल हो सकती है?
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री किसी भी देश के हेड होते हैं और उनकी सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. सुरक्षा में किसी भी गड़बड़ी या घटना का काफी बुरा असर पड़ सकता है. इसी तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला हमेशा बहुत खास और सुरक्षित होता है. प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते में कई सिक्योरिटी वैन, पुलिस और अन्य अधिकारी तैनात होते हैं. जो उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं. पीएम की सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के पास होती है. ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्या किसी राज्य या केंद्रीय मंत्री की कार प्रधानमंत्री के काफिले का हिस्सा बन सकती है? इसका जवाब सुरक्षा और प्रशासनिक नियमों पर निर्भर करता है.
प्रधानमंत्री का काफिला पूरी तरह से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है. इसमें प्रधानमंत्री की गाड़ी, पुलिस की गाड़ियां और सुरक्षा के दूसरे वाहन शामिल होते हैं. काफिले की सरंचना इस तरह से बनाई जाती है कि पीएम की यात्रा बिना किसी रुकावट के पूरी हो सके. काफिले में केवल वही गाड़ियां होती हैं, जो प्रधानमंत्री की सुरक्षा और यात्रा के लिए जरूरी होती हैं.
प्रधानमंत्री के काफिले में शामिल हो सकती है मंत्री की कार?
वैसे तो प्रधानमंत्री के काफिले में किसी और मंत्री की कार को शामिल नहीं किया जाता है क्योंकि प्रधानमंत्री के आसपास का सुरक्षा घेरा इतना कड़ा होता है कि कोई उसे भेद नहीं सकता.पीएम का काफिला सिर्फ उन गाड़ियों से बना होता है जो उनकी सुरक्षा, यात्रा और प्रशासनिक कार्यों के लिए जरूरी होता है. हालांकि, अगर प्रधानमंत्री किसी मंत्री से मिलने के लिए जाते है या किसी खास कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो उस समय मंत्री की कार को काफिले में शामिल किया जा सकता है. लेकिन यह बहुत खास मौकों पर ही होता है.
कब होता है काफिले में बदलाव?
कभी-कभी जब प्रधानमंत्री किसी खास मंत्री के साथ यात्रा करते हैं या किसी कार्यक्रम में जाते हैं, तो उस समय मंत्री की गाड़ी को काफिले में शामिल किया जा सकता है. यह तभी संभव है जब सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन इसे जरूरी मानते हैं. लेकिन यह सामान्य स्थिति नहीं है और सिर्फ खास मौकों पर ही ऐसा किया जाता है.