कनाडाई अधिकारी ने निज्जर हत्याकांड पर भारत के खिलाफ वाशिंगटन पोस्ट को जानकारी लीक करने की बात मानी

कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भारत के खिलाफ वाशिंगटन पोस्ट को खुफिया जानकारी लीक करने की बात स्वीकार की है, जो खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ी है. इस लीक ने दोनों देशों के बीच चल रहे कूटनीतिक विवाद को और बढ़ा दिया है. कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जबकि भारत ने इसे निराधार और राजनीतिक चाल बताया है. क्या इस विवाद का कोई हल निकलेगा जानिए पूरी कहानी.

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Canada-India Dispute: हाल ही में कनाडा और भारत के बीच खड़े हुए कूटनीतिक विवाद ने नई हलचल पैदा कर दी है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने स्वीकार किया है कि उन्होंने भारत के खिलाफ आरोपों के संदर्भ में वाशिंगटन पोस्ट को 'खुफिया जानकारी' लीक की. यह घटना खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ी है, जिसके बाद कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे.

कनाडाई अधिकारियों का खुलासा

कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नैथली ड्रोइन ने बताया कि उन्होंने भारत की संलिप्तता के आरोपों को लेकर वाशिंगटन पोस्ट को जानकारी दी, जबकि इसे भारत सरकार या कनाडाई जनता के सामने आधिकारिक रूप से नहीं रखा गया था. उन्होंने यह भी कहा कि इस लीक के लिए उन्हें प्रधानमंत्री ट्रूडो की अनुमति की आवश्यकता नहीं थी. ड्रोइन ने इस लीक को एक संचार रणनीति का हिस्सा बताया, जिससे कनाडा का पक्ष अमेरिकी मीडिया में सामने आ सके.

भारत का कड़ा जवाब

भारत ने कनाडा के आरोपों को लगातार 'निराधार' बताया है. भारत सरकार ने कनाडा के इन दावों को राजनीतिक पैंतरेबाजी करार दिया, जिसमें बिना सबूत के आरोप लगाने की बात उठाई गई. पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत शर्मा ने कहा, 'यह सब राजनीतिक चाल है और ओटावा को बिना सबूत के भारत पर आरोप लगाने की आलोचना करनी चाहिए.'

ट्रूडो की स्वीकारोक्ति

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुद स्वीकार किया था कि जब उन्होंने भारत पर आरोप लगाए, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी, कोई ठोस साक्ष्य नहीं. इससे पहले आरसीएमपी ने कहा था कि निज्जर की हत्या की साजिश में छह भारतीय राजनयिकों के शामिल होने के सबूत हैं.

कूटनीतिक रिश्तों में खटास

यह विवाद तब और गहरा हो गया जब कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया. भारत ने जवाब में भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. इस कूटनीतिक टकराव ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी है, जो पहले से ही काफी तनावपूर्ण हैं.

भविष्य की चुनौतियां

इस विवाद ने दिखा दिया है कि कैसे राजनीतिक आरोपों का असर अंतरराष्ट्रीय रिश्तों पर पड़ सकता है. भारत ने कनाडा से सबूत मांगते हुए कहा है कि वह किसी भी आरोप का सामना करने के लिए तैयार है, बशर्ते उस पर ठोस जानकारी उपलब्ध कराई जाए. इससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच बातचीत और सहयोग की राह में मुश्किलें आ सकती हैं.

कनाडा और भारत के इस कूटनीतिक विवाद ने न केवल दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसे लेकर चिंता बढ़ाई है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे का समाधान निकालना जरूरी होगा, ताकि संबंधों में सुधार हो सके. First Updated : Wednesday, 30 October 2024